अविनाश श्रीवास्तव, सासाराम। जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां, सासाराम के सदर अस्पताल में प्रसव के लिए आई एक महिला का प्रसव अस्पताल के गेट पर ही ई-रिक्शा में हो गया। लापरवाही के कारण नवजात की मौत भी हो गई। बताया जाता है कि करगहर के कौवाखोच की रहने वाली आसतोरण देवी गर्भवती थी तथा करगहर के पीएचसी में वह नियमित जांच करवाती थी। जब उसकी प्रसव की पीड़ा बढ़ी, तो उसे सासाराम सदर अस्पताल से रेफर कर दिया गया।

काफी गरीब परिवार से थी महिला

सासाराम सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सेवा फिलहाल उपलब्ध नहीं होने के कारण चिकित्सक ने उसे अस्पताल के बाहर निजी अल्ट्रासाउंड में भेज दिया। जब परिजन ई-रिक्शा से महिला प्रसूता को अल्ट्रासाउंड के लिए निजी जांच घर में ले जा रहे थे। इसी दौरान उसकी प्रसव पीड़ा काफी बढ़ गई, तो उसके परिजन ई-रिक्शा को वापस अस्पताल की ओर लेकर भागने लगे। लेकिन जब तक वे लोग अस्पताल पहुंचने महिला का प्रसव ई-रिक्शे पर ही हो गया।

इसके बाद प्रसूता के साथ आई उसकी मामी शोर मचाने लगी तथा अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाने लगी। तब जाकर अस्पताल के कर्मी भागते-भागते आए। तब तक ई-रिक्शा पर ही महिला ने बच्चों को जन्म दे दिया। लेकिन दुर्भाग्य की सही तरीके से देखभाल नहीं होने के कारण बच्चों की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजन काफी आक्रोशित हो गए। प्रसव के लिए आई महिला काफी गरीब परिवार से है।

कई महीनों से ठप है अल्ट्रासाउंड सेवा

मामले पर अस्पताल प्रबंधक अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि, बच्चे को जल्दी से एसएनसीयू में रखा गया। लेकिन उसकी मौत हो गई। वहीं, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बड़ा सवाल यह है कि रोहतास जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां पिछले कई महीनों से अल्ट्रासाउंड सेवा ठप है। ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी की क्या स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल के खिलाफ कोई एक्शन लेता है या नहीं।

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