Kalashtami: भगवान कालभैरव को समर्पित यह दिन हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है, लेकिन इस बार पूजा का निशिता काल यानी मध्य रात्रि का समय बेहद शुभ माना गया है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कालाष्टमी 20 मई को मनाई जाएगी. कालाष्टमी की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त रात 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. ऐसा माना जाता है कि इस मुहूर्त में विधिवत पूजन करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सफलता के मार्ग खुलते हैं. खासकर वे लोग जो लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, बार-बार असफलताओं का सामना कर रहे हैं, या जिन्हें नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति चाहिए, उनके लिए यह रात्रि अत्यंत फलदायी साबित हो सकती है.

विद्यार्थी, नौकरीपेशा, व्यापारी के लिए विशेष फलदायक 

मान्यता है कि इस दिन कुत्ते को रोटी या मीठा खिलाने से भी भगवान भैरव प्रसन्न होते हैं, क्योंकि श्वान उनका वाहन है. यह पूजा किसी भी आयु या वर्ग का व्यक्ति कर सकता है, विद्यार्थी, नौकरीपेशा, व्यापारी, गृहस्थ, सभी के लिए यह दिन विशेष फलदायक है.

कालाष्टमी व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 20 मई को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगा. समापन 21 मई को सुबह 4 बजकर 55 मिनट पर होगा. कालाष्टमी का व्रत 20 मई को रखा जाएगा. कालाष्टमी की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त  20 मई को  सुबह 4 बजकर 5 मिनट से सुबह 4 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं कालाष्टमी की पूजा का निशिता मुहूर्त रात में 11 बजकर 57 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.