कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। एशिआई देशों जैसे सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, चीन और थाईलैंड ​​​​​​में लगातार मरीजों की संख्या में चिंताजनक इजाफा देखने को मिल रहा है। अकेले सिंगापुर में 1 मई से 19 मई के बीच 3000 मरीज सामने आए हैं। अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक ये संख्या 11,100 थी।

‘सीजफायर एग्रीमेंट में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं..’ ; विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को पाकिस्तान के परमाणु धमकी समेत तुर्की से संबंध पर दी जानकारी

चीन और थाईलैंड में अलर्ट

हॉन्गकॉन्ग की बात करें तो जनवरी से अब तक 81 मामले सामने आए हैं। इनमें से 30 की मौत हो चुकी है। चीन और थाईलैंड में भी अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, यहां मरीजों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। वहीं भारत में अब तक इससे जुड़े 93 मामले सामने आए हैं।

‘जासूस’ ज्योति का टेरर लिंक : पहलगाम हमले के बाद पाक एम्बेसी में केक ले जाने वाले शख्स के साथ सामने आई तस्वीर; मीडिया के सवालों से भागता दिखा था शख्स

नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, कमजोर इम्युनिटी वालों पर सबसे ज्यादा असर

बता दें कि, इस बार संक्रमण के लिए ओमिक्रोन के नए वेरिएंट JN1 और उसके सब-वेरिएंट्स LF7 और NB1.8 को जिम्मेदार माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह लगे कि ये नए वेरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक या तेजी से फैलने वाले हैं। हालांकि, उनका मानना है कि यह लहर कमजोर इम्यूनिटी(रोग प्रतिरोधक क्षमता) वाले लोगों पर अपना असर दिखा सकती है। लेकिन फिलहाल भारत के लिए चिंता जैसी कोई बात नहीं दिखाई देती।

इम्यूनिटी को कमजोर करता है​​​​​ JN1 वेरिएंट

JN1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। जिसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया।

इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN1 पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वेरिएंट बना हुआ है। COVID-19 JN1 के लक्षण लम्बे समय तक रह सकते हैं।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m