दिल्ली में हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए नए प्रयासों में जुट गई है. मंगलवार को पार्टी ने अपने छात्र विंग का गठन किया, जिसे असोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (ASAP) नाम दिया गया है. इस संगठन के माध्यम से पार्टी युवाओं के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने का प्रयास करेगी और आगामी दिनों में दिल्ली यूनिवर्सिटी, JNU सहित अन्य विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव इसी विंग के जरिए लड़ेगी. इस अवसर पर ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने मुख्यधारा और वैकल्पिक राजनीति के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हुए भाजपा और कांग्रेस पर तीखे हमले किए, यह कहते हुए कि नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ाई करते हैं, जबकि आम जनता के बच्चों को धार्मिक विभाजन में उलझाया जाता है.

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि देश में कई गंभीर समस्याएं हैं, जैसे भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, अस्पताल और सड़कें की कमी. इस स्थिति से कोई भी खुश नहीं है; महिलाएं, छात्र और व्यापारी सभी दुखी हैं. इन सभी समस्याओं की जड़ मुख्यधारा की राजनीति है, जिसमें भाजपा, कांग्रेस और अन्य दल एक ही ढंग से काम कर रहे हैं. यह मुख्यधारा की राजनीति ही सभी समस्याओं का मूल कारण है.

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पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और कोचिंग शिक्षक से नेता बने अवध ओझा की उपस्थिति में दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में इस नई पहल की घोषणा की गई. इस अवसर पर विंग का लोगो भी जारी किया गया.

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस अवसर पर युवाओं के प्रिय शब्द ASAP का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि आज हर जगह सुधार की आवश्यकता है और हम समय पर नहीं पहुंच पाए हैं. जब भी हम इस शब्द को याद करेंगे, यह हमें समय की कमी का एहसास कराएगा. सिसोदिया ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि हर विश्वविद्यालय में जहां चुनाव होते हैं, वहां ASAP का अध्यक्ष, सचिव और टीम विजयी हो. जहां चुनाव नहीं होते, वहां वैकल्पिक राजनीति पर चर्चा की जाएगी.

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पार्टी ने इस विंग का गठन उस समय किया है जब उसे दिल्ली में लगातार 10 वर्षों के शासन के बाद एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी सहयोगी मनीष सिसोदिया सहित कई प्रमुख नेता अपनी सीटें भी नहीं बचा सके. इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली नगर निगम में भी पार्टी की सत्ता समाप्त हो गई है.

‘आप’ ने लगभग एक दशक में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के बाद एक बार फिर अपने विस्तार की योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया है. पार्टी पंजाब में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है, जबकि गुजरात में संगठन को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. इस बीच, पार्टी ने अब अपने छात्र विंग के माध्यम से कैंपस राजनीति में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.