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भारतीय संस्कृति और वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने का विशेष महत्व है, खासकर संध्या के समय. यह न केवल एक धार्मिक कार्य है बल्कि ऊर्जा और मनोविज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. आइए जानें कि दीपक जलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन सी गलतियों से बचना चाहिए.

दीपक जलाने के फायदे

  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार-दीपक की रोशनी वातावरण को शुद्ध और शांत बनाती है.
  • धन और समृद्धि का आगमन-माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है.
  • नकारात्मकता दूर होती है-दीपक की लौ से नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं.
  • मानसिक शांति-नियमित दीपक जलाने से मन को शांति मिलती है और ध्यान केंद्रित रहता है.

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दीपक जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • दक्षिण दिशा में दीपक न जलाएं-दीपक को पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना श्रेष्ठ माना गया है. दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है.
  • टूटा हुआ दीपक न जलाएं-टूटे या खंडित दीपक का उपयोग न करें, इससे नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है. तेल का सही चयन करें-सरसों या तिल का तेल अधिक शुभ माना जाता है. पूजा में घी का दीपक भी उत्तम रहता है.
  • दीपक बुझने न दें-अगर हवा से दीपक बुझ जाए, तो उसे तुरंत पुनः जलाएं.
  • दीपक को ज़मीन पर सीधे न रखें-दीपक को किसी थाली या दीपदान पर रखें.
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें-दीपक जलाने से पहले घर के मुख्य द्वार और आसपास की जगह की सफाई अवश्य करें.