पटना। बिहार सरकार गन्ना किसानों को तकनीकी, वैज्ञानिक और डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में लगातार बड़े कदम उठा रही है। इसी क्रम में पूसा (समस्तीपुर) में एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गन्ना शोध संस्थान की स्थापना की जा रही है। इसकी पुष्टि गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने की है। वे बुधवार को विकास भवन सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल के शुभारंभ के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्नत गन्ना शोध संस्थान की स्थापना

मंत्री ने बताया कि पूसा में बनने वाला यह संस्थान गन्ना की खेती से जुड़े अनुसंधान, प्रशिक्षण और तकनीकी विकास का एक प्रमुख केंद्र होगा। संस्थान की स्थापना को लेकर विभागीय स्तर पर तेजी से काम किया जा रहा है। इस संस्थान के जरिए किसानों को उन्नत बीज, नवीनतम कृषि उपकरण और वैज्ञानिक पद्धतियों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

नई ऐप से किसानों को मिलेगी खेती की पूरी जानकारी

कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने एक नए डिजिटल एप की शुरुआत की, जिसके माध्यम से गन्ना किसानों को खेती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध कराई जाएंगी। ऐप में शामिल सेवाओं में शामिल हैं:

  • किस मौसम में कौन-सी खाद और दवा का प्रयोग करें
  • बीमारियों और कीटों से बचाव के उपाय
  • लागत घटाने वाले कृषि यंत्रों की जानकारी
  • सिंचाई और कचरा प्रबंधन की तकनीकें
  • खेती के महीनेवार सुझाव और प्रशिक्षण

मंत्री ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से किसान कहीं से भी अपनी जरूरत की जानकारी ले सकेंगे, जिससे समय की बचत और उत्पादन में वृद्धि होगी।

बेहतर बीज और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे

पासवान ने बताया कि आने वाले समय में किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि संभव होगी। राज्य की 15 में से 8 बंद पड़ी चीनी मिलों की संपत्ति बियाडा को हस्तांतरित की गई है, जहां अब नए उद्योग लगाए जाएंगे।

लाइसेंसिंग प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन

सरकार ने गुड़ इकाइयों के लिए आवश्यक लाइसेंस की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है। इससे किसानों और उद्यमियों को विभागीय कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। विभागीय सचिव बी. कार्तिकेय धनजी ने कहा कि सरकार किसानों और निवेशकों को पारदर्शी एवं सरल प्रक्रिया के माध्यम से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम

गन्ना मंत्री ने कहा कि यह रिसर्च सेंटर और डिजिटल पहल किसानों के लिए एक नई शुरुआत है। आधुनिक तकनीकों और सरकारी सहयोग के जरिए बिहार के किसान वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे। यह पहल किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।