Murshidabad Violence Report: मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर जदयू ने एक बार फिर से तृणमूल कांग्रेस को निशाने पर लिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने मुर्शिदाबाद हिंसा की रिपोर्ट पर IANS से बात करते हुए कहा है कि, ममता बनर्जी के लिए इस पर प्रतिक्रिया देना भी मुश्किल है, क्योंकि यह हाईकोर्ट की रिपोर्ट है. जिस तरह से टीएमसी कार्यकर्ताओं की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए हैं, जैसा हमने पहले भी कहा है, पश्चिम बंगाल राजनीतिक अराजकता का पर्याय बन चुका है. वहां कानून-व्यवस्था के नाम पर जो माहौल बनाया गया है.

हिंदू समुदाय को बनाया गया था निशाना

पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी के टीएमसी नेता ने मुर्शिदाबाद हिंसा हिंसा कराई थी. ये खुलासा कलकत्ता हाईकोर्ट कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार हिंसा के दौरान प्लान के तहत हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया था. अप्रैल 2025 में मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट की तरफ से गठित जांच समिति ने गंभीर खुलासे किए हैं.


रिपोर्ट में कहा गया है कि, हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय नेता की भूमिका थी. हमलों का नेतृत्व स्थानीय पार्षद महबूब आलम ने किया था. रिपोर्ट के अनुसार हिंसा के दौरान प्लान के तहत हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया था. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हिंसा के दौरान पुलिस के लिए गए एक्शन और कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है. इस दौरान स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय रही. पीड़ितों ने कई बार पुलिस को कॉल किया, लेकिन कोई मदद नहीं पहुंची.

हिंसा में 3 लोगों की हुई थी मौत

दरअसल वक्‍फ संशोधन कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शनों हुआ था. विपक्ष के नेताओं ने इस केंद्र सरकार के इस बिल का विरोध किया था. 11 अप्रैल 2025 को पश्चिम बंगाल में वक्‍फ संशोधन कानून के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ था. उस दौरान बंगाल के मुर्शिदाबाद में प्रर्दशन कुछ ज्यादा ही हिंसक हो गया था. हिंसा में 3 लोगों की मौत हुई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे.

प्रदर्शन के दौरान अगजनी और तोड़फोड़

प्रदर्शन के दौरान हालात हद से ज्यादा बेकाबू हो गए. प्रदर्शन की आड़ में उपद्रवियों ने जमकर उत्पता मचाया. इस दौरान कई दुकानों में तोड़फोड़ और अगजनी की गई थी. हालात जब पश्चिम बंगाल की सरकार और पुलिस से भी नहीं संभल पाया तो स्थिति को संभालने के लिए बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (BSF) को मैदान में उतरना पड़ा था. BSF ने स्‍थानीय पुलिस और रैपिड एक्‍शन फोर्स के साथ मिलकर हालात को काबू में किया था. इसे लेकर मुर्शिदाबाद में कई दिनों तक तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था.

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