Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के आज एक महीने पूरे हो गए हैं। आज से एक महीने पहले 22 अप्रैल 2025 को पांच आतंकियों ने पहलगाम में हमला कर टारगेट किलिंग करते हुए 25 हिंदुओं समेत 26 लोगों की हत्या कर दी थी। पहलगाम आतंकी हमले के 14 दिन बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) लॉन्च करते हुए 6-7 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और पीओके के 9 टेरर कैंप पर हमला कर 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिरया था। वहीं पाकिस्तान के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए उसके कई एयर स्ट्रिप को नुकसान पहुंचाया था। हालांकि एक महीने बाद भी बड़ा सवाल यही है कि क्या इस हमले में मारे गए लोगों और उनके परिवार को न्याय मिल गया? क्या भारत ने वाकई में पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया? और वो पांच दरिंदे कहां है, जिन्होंने हमारे निर्दोष लोगों की हत्या की थी?

ये सच है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान को तगड़ा निकसान पहुंचाया है। भारत को बात-बात पर परमाणु बम की धमकी देने वाला पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के बाद घुटनों पर आ गया। हालांकि सच्चाई ये भी है कि हमलावरों का अबतक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जांच एसेंजी एनआईए के हाथ अबतक खाली है।
पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पांच आतंकवादियों के हाथ होने का शक जताया गया है इनमें से तीन पाकिस्तान के हैं। NIA की ओर से तीन आतंकवादियों के स्केच भी जारी किए गए थे और उनके बारे में सूचना देने वाले को 20-20 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।

अब तक आतंकियों के बारे में कोई पक्का सुराग नहीं मिल पाया है। हमले के कुछ दिन बाद जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस से लेकर एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए चश्मदीद गवाहों से पूछताछ कर रही है और तकनीकी तरीकों से डेटा का विश्लेषण कर रही है। पुलिस को शक है कि इस हमले को कम से कम 5 आतंकियों ने अंजाम दिया, जिनमें से 3 पाकिस्तान के बताए जा रहे हैं।
अब तक करीब 150 स्थानीय लोगों से पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के स्केच जारी किए, फिर एनआईए ने नया केस दर्ज कर जांच शुरू की। अब तक करीब 150 स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, जिनमें टट्टू वाले, दुकानदार, फोटोग्राफर और एडवेंचर स्पोर्ट्स से जुड़े लोग शामिल हैं। एनआईए ने एक ऐसे स्थानीय शख्स से भी पूछताछ की है, जिसने घटना से 15 दिन पहले इलाके में एक दुकान खोली थी, लेकिन हमले वाले दिन दुकान बंद रखी थी। हालांकि अब तक उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया
हमले के कुछ ही दिनों बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया और सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) भी थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन हिरासतों के पीछे दो मकसद थे, पहला हमले से जुड़ी जानकारी जुटाना और दूसरा, यह दिखाना कि ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि जांच में अभी तक खास प्रगति नहीं हो पाई है।
बैसरन घाटी का एक 3D नक्शा भी तैयार किया
जांच एजेंसी ने हमले की जगह से मोबाइल फोन से मिले डेटा को जमा किया है, जिसमें पीड़ितों के रिश्तेदारों और पर्यटकों द्वारा ली गई तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं। इनका उपयोग तकनीकी मदद से किया जा रहा है। इसके अलावा, बैसरन घाटी का एक 3D नक्शा भी तैयार किया गया है ताकि यह समझा जा सके कि आतंकी कहां से आए, कितनी देर रुके और किस दिशा में भागे। एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा ही नक्शा 2019 के पुलवामा हमले की जांच में भी बनाया गया था। हालांकि ये सभी अभी तक आतंकियों तक पहुंच बनाने में असमर्थ रहे हैं।
6 आतंकवादियों को किया था ढेर
हमले के बाद दक्षिण कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशंस में सेना और पुलिस ने 6 स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया था। इनमें आतंकी संगठन TRF का भी एक टॉप कमांडर शामिल था। पुलिस का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले में TRF का ही हाथ है। इस बीच, भारत पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देश दुनिया भर में पाकिस्तान को बेनकाब करने में जुटा हुआ है। इसके लिए भारतीय सांसदों और नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के कई देशों के दौरे पर भेजा गया है।
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