रायपुर- फोन टेपिंग मामले में आरोपी बनाए गए निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता से ईओडब्ल्यू के जांच अधिकारियों ने सिलसिलेवार ढंग से पूछताछ की है. बता दें कि हाईकोर्ट ने मुकेश गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों नो कोरेसिव आफ एक्शन का फैसला सुनाते हुए कहा था कि वह जांच में सहयोग करें. हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए दो अलग-अलग मामलों में नोटिस भेजा था. नोटिस मिलने के बाद मुकेश गुप्ता आज अपने वकील के साथ ईओडब्ल्यू मुख्यालय पहुंचे थे. ईओडब्ल्यू के सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के शुरूआती चरण में मुकेश गुप्ता ने सुपरवाइजरी आफिसर के बैठे जाने पर आपत्ति जताई, लेकिन ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने दो टूक कह दिया कि सुपरवाइजरी की मौजूदगी में बयान दर्ज किया जाएगा, लेकिन सवाल जांच अधिकारी ही करेगा. पूछताछ के दौरान गुप्ता के वकील भी वहां मौजूद रहे.
सूत्रों की माने तो मुकेश गुप्ता से जांच अधिकारी ने पूछा कि निरीक्षक आर के दुबे ने बयान दिया है कि उनकी पदस्थापना के पहले से ही उनसे ईओडब्ल्यू का काम कराया जाता रहा है, लिहाजा दुबे से ईओडब्ल्यू का काम क्यों और किस आधार पर कराया जाता रहा? सवाल इंटरसेप्शन से भी जुड़े रहे. चूंकि गुप्ता पर अवैध ढंग से फोन टेपिंग कराए जाने का मामला दर्ज है, लिहाजा इंटरसेप्शन को लेकर उनके द्वारा जारी आदेश की कापी रखते हुए जांच अधिकारी ने कई सवालों पूछे. हालांकि इन तमाम सवालों के जवाब में मुकेश गुप्ता ने क्या कहा, फिलहाल इसका ब्यौरा सामने नहीं आ पाया है. बताते हैं कि ईओडब्ल्यू ने मुकेश गुप्ता से यह भी पूछा कि एडीजी इंटेलिजेंस रहते हुए रेखा नायर को सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन रेखा नायर कैसे बना दिया गया?
नान मामले में एसपी ने ही की पूरी जांच
सूत्र बताते हैं कि ईओडब्ल्यू ने मुकेश गुप्ता से पूछताछ के दौरान नान घोटाले से जुड़े कई अहम सवाल भी पूछे, जिस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नान मामले की जांच एसपी रजनेश सिंह ने ही एसीबी में रहते हुए पूरी की थी. इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी उनसे ही मिलेगी.
न्यायालय में घसीटने की धमकी भी
खबर है कि पूछताछ के दौरान मुकेश गुप्ता ने जांच अधिकारियों को खुली धमकी भी दी है. ईओडब्ल्यू के सूत्र बताते हैं कि गुप्ता ने जांच से जुड़े अधिकारियों को न्यायालय में घसीटने की धमकी दी है. हालांकि आज पूछताछ के बाद जब मुकेश गुप्ता बाहर आए, तब उन्होंने कहा कि जो नोटिस उन्हें दिया गया था, वह आज के लिए था, लिहाजा मैंने कहा है कि जो भी बयान लेना है, वह आज की दर्ज करा ली जाए, लेकिन इसे लेकर ईओडब्ल्यू के जिम्मेदार अधिकारियों से जब पूछा गया, तब उन्होंने अपने जवाब में कहा है कि गुप्ता एक आरोपी हैं, उनके कहने के आधार पर पूछताछ नहीं होगी. ईओडब्ल्यू जब जरूरत महसूस करेगी, तब उन्हें बुलाकर आगे की पूछताछ की जाएगी. ईओडब्ल्यू के आईजी जी पी सिंह ने कहा कि- मुकेश गुप्ता से जिन सवालों को लेकर पूछताछ हुई है, उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. आगे जब भी उनसे पूछताछ की जाएगी उन्हें बुलाया जाएगा. इससे पहले मुकेश गुप्ता अपने वकील के साथ करीब 11.45 को ईओडब्ल्यू के दफ्तर पहुँचे. सफेद कमीज पहने, मुस्कुराते हुए, पत्रकारों से चलते-चलते यह कहते हुए दफ्तर के अंदर चले गए कि आप लोगों ने मेरा पहले भी काम देखा हैं, अब जो हो रहा वो भी देख रहे हैं. गौरतलब है कि नान घोटाला मामले की जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर ईओडब्ल्यू ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ अपराध क्रमांक 06/ 2019 166, 166 ए(बी), 167, 168, 193, 196, 201, 466, 471, 120 बी भादवि एवं धारा 25, 26 सहपठित धारा 5(2) भारतीय टेलीग्राफ एक्ट दर्ज कर अपराध की विवेचना शुरू की थी. इससे पहले भी ईओडब्ल्यू की ओर से उन्हें दो बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन वह बयान के लिए नहीं पहुंचे थे.