कुंदन कुमार, पटना। पंजाब नैशनल बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अशोक चंद्र ने आज गुरुवार को बिहार की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धूरी “बिहार जीविका” के जीविका दीदियों के साथ अधिवेशन भवन, पटना में बैठक किया। यह उनके पटना अंचल के दौर के दूसरे चरण की महत्वपूर्ण बैठक थी, जिसमें जीविका दीदियों को स्वीकृत ऋण हेतु स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर जीविका के सीईओ हिमांशु शर्मा, आईएएस भी इस ऋण वितरण शिविर में उपस्थित रहे। हिमांशु शर्मा ने जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि, जीविका दीदियों के समुचित विनीयन में पंजाब नैशनल बैंक का विशेष योगदान है। अब तक एसएचजी के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कि जाती थी लेकिन पीएनबी के सहयोग से पूंजी निवेश एवं दीदियों के प्रशिक्षण द्वारा क्षमता निर्माण के पश्चात अब समय आ गया है कि दीदियों को व्यक्तिगत रूप से वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाए ताकि दीदियों का समुचित विकास हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि, पीएनबी के इस सहयोग के पश्चात हर महिला स्वावलंबन की कहानी सुनाने को तैयार होगी। अधिवेशन भवन में सभा को संबोधित करते हुए एमडी & सीईओ अशोक चन्द्र ने जीविका दीदियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि, इस ऋण शिविर में पीएनबी के बिहार के शाखाओं द्वारा 4000 स्वयं सहायता समूहों एवं 2000 लखपति दीदी जो कि एसएचजी के सदस्य है, को 150 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया है। जो इनके व्यवसाय को बढाने एवं आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
पंजाब नैशनल बैंक ने 50 जीविका दीदियों को बिजनेस कोरेस्पोंडेस के रूप में भी नियुक्त किया है। हमें विश्वास है कि ये समूह बैंक प्रदत्त ऋण का सही उपयोग कर अपने एवं अपने परिवार को नई दिशा देंगे जिससे समाज में सकारात्मकता आएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि नारी शक्ति को मजबूत करने से पूरा समाज, राज्य एवं देश सशक्त होता है। इस दौरान उन्होंने जीविका दीदियों को ऋण स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए। बैठक में बिहार जीविका के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
जीविका के साथ बैठक के उपरांत अधिवेशन भवन में ही एमएसएमई आउटरीच कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र में बिहार में काफी संभावनाओं एवं बैंक द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों से सभी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि एमएसएमई हेतु 25 लाख तक के ऋण अब डिजिटल माध्यम से ही स्वीकृत किए जा रहे हैं। इससे कुछ ही मिनटों में ऋण की स्वीकृति प्रदान कर दी जाती है। ग्राहक अपनी सुविधानुरूप इसका लाभ के सकते हैं।
बैंक एमएसएमई के लिए कई स्कीम भी लेके आई है जिनमें हम अपने प्रतिस्पर्धी वित्तीय संस्थाओं से बेहतर सुविधा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में स्टार्ट-अप एवं कृषि इन्फ्रा का विकास भी होना है। ऐसे में बड़े बैंक के रूप में हमारी भूमिका और अधिक बढ़ जाती है। हमें नए बिहार के लिए स्वयं को तैयार रखना होगा एवं नई संभावनाओं की भी लगातार तलाश करनी होगी तभी हमारा बैंक बिहार के अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका निभाने में सफल हो पाएगा। एमएसएमई आउटरीच कार्यक्रम में बिहार सरकार के उद्योग विभाग के निदेशक श्री शेखर आनंद, आईएएस की विशेष उपस्थिति रही।
बताते चलें कल एमडी & सीईओ अशोक चन्द्र ने दौर के प्रथम चरण में ऊर्जा ऑडिटोरियम में अंचल के स्टाफ मदम्यों के साथ टाउन हॉल मीटिंग किया। इस दौरान उन्होंने बिहार में बैंकिंग कारोबार की असीम संभावनाओं या चर्चा की। उन्होंने आगामी वित्तीय वर्षों में बैंक के कारोबारी नीतियों, ऑपरेटिंग प्रॉफिट बढ़ाने के उपाय,
गुणवत्तापूर्ण ग्राहक सेवा तथा शाखाओं को विश्वस्तरीय सुविधायुक्त बनाने के लिए किए जा रहे उपायों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि ग्राहक सेवा हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। हम देश के बड़े बैंक की श्रेणी में तभी बने रहेंगे जब हम अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खड़े उतरने में सफल होंगे।
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