Harvard University Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump ) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच चल रहा तनाव थमने की जगह और अधिक बढ़ गया है। इस बीच ट्रंप सरकार ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए हार्वर्ड में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। हार्वर्ड में विदेशी छात्रों को फिलहाल दाखिला नहीं मिल सकेगा। ट्रंप के इस फैसले से यहां पढ़ रहे 788 भारतीय छात्रों का भविष्य भी अधड़ में लटक गया है।
बता दें कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फिलहाल यहां करीब 7 हजार विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो यूनिवर्सिटी के कुल छात्रों का करीब 27 प्रतिशत हैं। यहां 788 भारतीय छात्र भी पढ़ाई कर रहे हैं। शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 के दौरान हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कुल 6,793 विदेशी छात्र थे।
पाक पीएम शहबाज शरीफ ने भारत को दी गीदड़भभकी, बोले- ‘इंडिया-पाकिस्तान युद्ध खतरनाक…,’
न्यूयॉर्क टाइम्स ने आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम द्वारा हार्वर्ड विश्वविद्यालय को भेजे गए पत्र के हवाले से यह खबर दी है। नोएम ने पत्र में लिखा, ”मैं आपको यह सूचित करने के लिए लिख रही हूं कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्र और शैक्षणिक आदान-प्रदान के प्रवेश कार्यक्रम का प्रमाणन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेशी छात्रों को एडमिशन देने की योग्यता वापस पाने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को 72 घंटे के अंदर मौजूदा विदेशी छात्रों की जानकारी अमेरिकी सरकार को देनी होगी। फिलहाल इस यूनिवर्सिटी में जितने भी विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें दूसरी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में ट्रांसफर लेने के लिए कहा गया है और अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें देश (अमेरिका) छोड़ना पड़ सकता है।
हार्वर्ड में पढ़ रहे मौजूदा स्टूडेंट्स का क्या होगा
हार्वर्ड में मौजूदा सेमेस्टर पूरा कर चुके छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। वे ग्रेजुएशन पूरा कर सकेंगे. आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम ने अपने पत्र में इसका जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि ट्रंप सरकार ने जो बदलाव किया है, वह 2025-26 के स्कूल ईयर से लागू होगा।
788 भारतीय छात्रों का क्या होगा?
हार्वर्ड के ऑफिशियल रिकॉर्ड के मुताबिक यहां हर साल 500 से 800 भारतीय छात्र एडमिशन लेते हैं। वहीं दुनिया भर से करीब 6800 छात्र यहां पहुंचते हैं। इस साल 788 भारतीय छात्रों ने एडमिशन लिया था। अब ऐसे में इन छात्रों की दिक्कत बढ़ने वाली है। विदेशी छात्रों से कहा गया है कि वे या तो किसी दूसरे संस्थान में दाखिला लें और या फिर अपना अमेरिका में लीगल स्टेटस गंवा दें। लिहाजा भारतीय छात्रों के पास दूसरे संस्थान में दाखिले का विकल्प मौजूद रहेगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो यूएस छोड़ना पड़ सकता है।
ट्रंप और हार्वर्ड के बीच क्यों बढ़ा तनाव
दरअसल, हार्वर्ड पर आरोप लगा था कि वे यहूदियों के खिलाफ नफरत को रोकने में नाकाम रहे हैं। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी सरकार और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच विदेशी छात्रों से जुड़े रिकॉर्ड को लेकर तनातनी चल रही है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने पिछले महीने ये सख्त चेतावनी दी थी कि अगर यूनिवर्सिटी ने 30 अप्रैल तक विदेशी छात्रों के अवैध और हिंसक मामलों का रिकॉर्ड नहीं दिया, तो उनका एसईवीपी (SEVP) यानी स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम सर्टिफिकेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने विदेशी छात्रों का रिकॉर्ड दिया था, लेकिन ट्रंप प्रशासन उससे संतुष्ट नहीं दिखा।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक