कोरोना वायरस(Corona Virus) ने एक बार फिर से दिल्ली-NCR में दस्तक दी है, साइबर सिटी गुरुग्राम में 28 महीने बाद दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे सभी गाइडलाइंस का पालन करें. दोनों मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया है, जिनमें से एक मुंबई से गुरुग्राम आई थी. स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि मरीजों के लक्षण हल्के हैं और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. विभाग पूरी तरह से तैयार है और आवश्यक कदम उठाने के लिए तत्पर है.

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यहां की साइबर सिटी में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं. दोनों संक्रमित व्यक्तियों को आइसोलेशन में रखा गया है, जिनमें से एक मुंबई से गुरुग्राम आई थी. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए पूरी तैयारी कर ली है. गुरुग्राम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मरीजों में हल्के लक्षण हैं, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने यह भी सलाह दी कि जुकाम या खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

देशभर में कोरोना के नए मामलों की संख्या 257 से अधिक हो गई है, जिसके चलते प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गए हैं.

मुंबई में कोरोना के कुछ मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा के भुवनेश्वर में एक पुष्टि किया गया केस मिला है. स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव अश्वथी एस. ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में जनता को आश्वस्त किया कि स्थिति नियंत्रण में है और राज्य की मशीनरी किसी भी संभावित घटनाक्रम से निपटने के लिए तैयार है. कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि का कारण ओमिक्रॉन का JN.1 वैरिएंट है, जो तेजी से फैलता है और इसका प्रभाव अब दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा रहा है.

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मुंबई में कोरोना के कुछ मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा के भुवनेश्वर में एक पुष्टि किया गया केस मिला है. स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव अश्वथी एस. ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में जनता को आश्वस्त किया कि स्थिति नियंत्रण में है और राज्य की मशीनरी किसी भी संभावित घटनाक्रम से निपटने के लिए तैयार है. कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि का कारण ओमिक्रॉन का JN.1 वैरिएंट है, जो तेजी से फैलता है और इसका प्रभाव अब दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा रहा है.

फरीदाबाद में भी एक मरीज में हुई है पुष्टि

फरीदाबाद में एक मरीज में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. 28 वर्षीय युवक वायरल बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम से ग्रसित था. स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को उसका सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा है. युवक ने डॉक्टरी सलाह के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल का रुख किया था, जहां डॉक्टरों ने उसकी कोरोना जांच कराई. रिपोर्ट मंगलवार देर शाम आई, जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई. यह युवक एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्यरत है और पिछले कुछ दिनों से उसकी तबीयत खराब थी. जेएन-1 को कोरोना का नया वेरिएंट माना जा रहा है.

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उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामभगत ने जानकारी दी कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजा जा चुका है और रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. वर्तमान में मरीज की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है, जिससे जिलेवासियों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में सभी चीजें नियंत्रण में हैं. इसके अलावा, बीके अस्पताल में कोरोना जांच फिर से शुरू की जाएगी.

JN.1 वैरिएंट क्या है?

JN.1 एक नया कोरोना वायरस वेरिएंट है, जो ओमिक्रॉन से संबंधित है. यह BA.2.86 नामक पुराने वेरिएंट से विकसित हुआ है, जिसे पिरोला के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पहचान 2023 के अंत में हुई और इसके बाद यह अमेरिका, यूके, भारत, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में तेजी से फैलने लगा. इस वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में एक महत्वपूर्ण म्यूटेशन हुआ है, जिससे यह वायरस अधिक तेजी से फैलने की क्षमता रखता है. इसके अलावा, यह उस इम्युनिटी को भी प्रभावित कर सकता है, जो वैक्सीनेशन या पूर्व कोविड संक्रमण के बाद विकसित हुई थी.

 कितना खतरनाक है JN.1?

JN.1 वेरिएंट के हालिया आंकड़ों के अनुसार, यह ओमिक्रॉन के पूर्ववर्ती वेरिएंट्स के समान है और इससे गंभीर बीमारी का खतरा अपेक्षाकृत कम है. अधिकांश संक्रमित व्यक्तियों में इसके लक्षण हल्के से मध्यम स्तर के होते हैं, जैसे गले में खराश, बहती नाक, हल्का बुखार, थकान और खांसी. ये लक्षण पहले के ओमिक्रॉन वेरिएंट से काफी मिलते-जुलते हैं. हालांकि, JN.1 की सबसे बड़ी चिंता इसकी तेजी से फैलने की क्षमता है, जिससे यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से संचारित हो सकता है, और इसके मामलों में तेजी से वृद्धि हो सकती है.