विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने मध्यप्रदेश सरकार और वहां के राज्यपाल से मध्य्प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में अधिवक्ताओं की मांग और उन्हीं के आर्थिक सहयोग से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की अनुमति कोर्ट द्वारा दी गई थी. जबकि कोर्ट के निर्देशन में ही स्थान का चयन और मूर्ति स्थापना के लिए चबूतरा बनाया गया जबकि अब तो बाबा साहेब की मूर्ति भी बनकर तैयार हो चुकी है.

मायावती ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि जब माननीय कोर्ट के की ओर से ही स्थान चिन्हित किया गया और चबूतरा भी अधिवक्ताओं के आर्थिक सहयोग से बनाया गया है उसके बावजूद भी ग्वालियर कोर्ट में लगने वाले मूर्ति का कुछ अधिवक्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है. मायावती ने विरोध करने वाले अधिवक्ताओं को जातिवादी करार देते हुए इनके द्वारा इस कृत्य को भड़काऊ बताया है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि कृपया ऐसे लोगो को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई किया जाए. मायावती ने कहा कि सदियों से उपेक्षा का शिकार रहा बहुजन समाज अब अपना सम्मान पाना चाह रहा है.
इसे भी पढ़ें : 1977 का केस, 104 साल की उम्र में बाइज्जत बरी हुए लखन, आस टूटी तो बेटी बनी सहारा, पैरवी कर पिता को कराया दोष मुक्त
मायावती ने इस मसले को गंभीर बताते हुए मध्य प्रदेश के राज्यपाल, उच्च न्यायालय और मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश से अनुरोध किया है कि मूर्ति लगने में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए उच्च न्यायलय ग्वालियर खंडपीठ में संविधान निर्माता बाबा साहेब की मूर्ति को स्थापित करने में सहयोग प्रदान करें.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें