चंडीगढ़ : करीब छह साल पहले हुए एक दर्दनाक हादसे के मामले में चंडीगढ़ की मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल ने बड़ा फैसला सुनाया है। 28 सितंबर, 2019 को श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा के दौरान ट्राईसिटी के सात लोगों की टेंपो ट्रैवलर पर चट्टान गिरने से मौत हो गई थी। मृतकों में टेंपो ट्रैवलर का ड्राइवर भी शामिल था। सभी मृतक आपस में दोस्त थे। ट्रिब्यूनल ने पांच मृतकों के परिजनों को 4.20 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। इस मामले में परिजनों ने अलग-अलग केस दायर किए थे।

ट्रिब्यूनल के फैसले के अनुसार, सबसे अधिक मुआवजा खरड़ निवासी तेजिंदर सिंह के परिवार को मिलेगा। तेजिंदर एक निजी कंपनी में कार्यरत थे और उनकी मासिक आय 2.26 लाख रुपये थी। हादसे के समय उनकी उम्र 55 वर्ष थी। ट्रिब्यूनल ने उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए 1.20 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। अन्य मृतकों के परिजनों को 60 लाख से 80 लाख रुपये के बीच मुआवजा मिलेगा। इनमें पिंजौर, पंचकूला के रमेश कुमार (44) को 70.47 लाख, गांव जयंती माजरी, मोहाली के गुरदीप सिंह (35) को 66.73 लाख, नयागांव, मोहाली के सुरिंदर कुमार (41) को 88.80 लाख और गांव सरसैणी, मोहाली के गुरप्रीत सिंह (33) को 73.93 लाख रुपये दिए जाएंगे।


वकील के अनुसार, 2019 में कुछ दोस्त श्री हेमकुंट साहिब दर्शन के लिए गए थे। उन्होंने एक टेंपो ट्रैवलर बुक किया था। ऋषिकेश में एक दिन रुकने के बाद, 28 सितंबर को वे आगे की यात्रा पर निकले। उस दिन भारी बारिश हो रही थी और रास्ता भी खराब था। ऋषिकेश से 50 किलोमीटर दूर चाय पीने के लिए रुकने पर स्थानीय लोगों ने उन्हें आगे न जाने की चेतावनी दी, क्योंकि भूस्खलन का खतरा था। यात्रियों ने भी ड्राइवर को रोका, लेकिन ड्राइवर ने दावा किया कि वह रास्तों को अच्छी तरह जानता है। इसी दौरान एक बड़ा पत्थर उनके वाहन पर गिर गया, जिससे ड्राइवर समेत सात लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में दो लोग बच गए। यह केस चंडीगढ़ में दायर किया गया था, क्योंकि बीमा कंपनी का कार्यालय यहीं है।