दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखी है. अब तक 121 अवैध प्रवासियों (illegal Bangladeshis) की पहचान कर ली गई है और उनकी कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई है, जिसके बाद FRRO ने उन्हें डिपोर्ट करने का आदेश दिया है. इसके अतिरिक्त, दिल्ली पुलिस ने नरेला औद्योगिक क्षेत्र थाने में उन सिंडिकेट के खिलाफ एक FIR भी दर्ज की है, जो देश में अवैध प्रवेश की सुविधा प्रदान कर रहे थे.
यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 336(2), 336(3), 340(2), 61(2) और विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 तथा 14सी के अंतर्गत दर्ज किया गया है. पुलिस ने अवैध अप्रवासियों को कथित रूप से किराए पर घर देने वाले पांच व्यक्तियों से भी पूछताछ की है. एक व्यक्ति को बीएनएस की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी किया गया है. इस जांच का उद्देश्य अवैध अप्रवासियों द्वारा प्राप्त किए गए नकली दस्तावेजों, जैसे कि बिजली मीटर कनेक्शन, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र, के स्रोत का पता लगाना है.
पुलिस ने बताया कि संबंधित विभागों को नोटिस जारी किया गया है और जिन लोगों का इसमें संलिप्त पाया जाएगा, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 121 अवैध प्रवासियों की पहचान की गई है, और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) ने उन्हें देश से निष्कासित करने का आदेश दिया है.
इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रहने के आरोप में 13 बांग्लादेशी नागरिकों, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं, को हिरासत में लिया. ये सभी लोग राजधानी के औचंदी गांव से पकड़े गए थे.
डीसीपी क्राइम आदित्य गौतम के अनुसार, हिरासत में लिए गए व्यक्तियों ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर बिना बाड़ वाले खेतों के माध्यम से भारत में प्रवेश किया और बाद में कूच बिहार रेलवे स्टेशन के रास्ते दिल्ली पहुंचे. जानकारी के अनुसार, ये लोग हरियाणा के खरखौदा में एक ईंट भट्टे पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में कार्यरत थे.
डीसीपी आउटर नॉर्थ निधिन वलसन ने बताया कि भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत 831 लोगों को संदिग्ध सूची में रखा गया है. पिछले सप्ताह, पुलिस की एक टीम ने 121 बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया और उन्हें डिपोर्ट करने के आदेश जारी किए. इसके अलावा, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उन पांच व्यक्तियों से पूछताछ की है जिन्होंने इन प्रवासियों के ठहरने की व्यवस्था की थी. एसआईटी का गठन उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए किया गया है जो अवैध प्रवासियों की सहायता कर रहे थे.
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