नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेगा रोड शो करने के एक दिन बाद शुक्रवार को लोकसभा के लिए वाराणसी से नामांकन दाखिल कर दिया. पीएम नरेंद्र मोदी के वाराणसी से जहां भाजपाइयों में उत्साह का माहौल है, वहीं दूसरी ओर प्रियंका वाड्रा के वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने से कांग्रेसी खेमे में उदासी है. प्रियंका को वाराणसी से टिकट नहीं दिए जाने से केवल कांग्रेस ही नहीं, मोदी मंत्रिमंडल के एक कद्दावर मंत्री भी निराश हैं. उनको लगता है कि ऩए भारत को अपनी पहचान बताने के अवसर से वंचित कर दिया गया.
वाराणसी से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने की खबर पिछले कुछ दिनों में चल रही थी. इस मुद्दे पर प्रियंका ने मीडिया के सवाल पर साफ जवाब देने की बजाए पार्टी हाईकमान पर इस विषय पर निर्णय लेने की बात कही. लोग प्रियंका के चुनाव लड़ने का कयास लगा ही रहे थे कि मोदी के रोड शो के एक दिन पहले कांग्रेस ने वाराणसी से एक बार फिर अजय राय को टिकट देते हुए प्रियंका के चुनाव लड़ने की संभावनाओं को खत्म कर दिया. इस पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया भी मिल रही है. प्रतिक्रिया देने वालों में से एक मोदी सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी हैं, जिन्होंने प्रियंका वाड्रा के जरिए कांग्रेस पर तीखा तंज कसा है.
अरुण जेटली ने अपने फेसबुक ब्लॉग ‘रिफ्यूजी की वायनाड एंड ए रिफ्यूज अवे फ्राम वाराणसी – द स्टोरी ऑफ ए फैमिली डायनेस्टी‘ में प्रियंका वाड्रा को वाराणसी से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर गहरी निराशा जताई है. जेटली ने लिखा कि पिछले दो हफ्तों से ऐसा माहौल बनाया जा रहा था कि प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी से लड़ने जा रही है. प्रियंका में मीडिया से यह कहने में परहेज नहीं कर रही थी कि वह प्रधानमंत्री कि खिलाफ मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं. उनके भाई भी इस संभावना को हवा दे रहे थे. लेकिन अंत में प्रियंका चुपचाप मैदान से बाहर निकल गईं. कांग्रेस पार्टी के प्रियंका गांधी को वाराणसी से नहीं लड़ाए जाने से मैं काफी निराश हूं.
पिछले दो महीने से सार्वजनिक जीवन में होने के दौरान प्रियंका गांधी ने एक ही बात को आगे बढ़ाया है कि ‘भारत बदल गया है, वंशवाद मायने नहीं रखा’. लेकिन कहते हैं कि बंद मुट्ठी लाख की, खुल गयी तो खाक की. प्रियंका के आने से परिस्थितियों में बदलाव आएगा यह भ्रम लाख टके का था, जो अब टूट गया है. अब सबकुछ जनता के सामने है. गांधी परिवार को अमेठी और रायबरेली के बीते 40 सालों की स्थिति आंकलन प्रधानमंत्री ने वाराणसी के लिए बीते पांच सालों में जो किया है, उससे करना चाहिए.