शब्बीर अहमद, भोपाल। आधुनिकता के दौर में ठगी के साथ वॉर के तरीके भी बदल रहे हैं अब तक ब्लैक कैट, नेवी, स्पेशल ट्रेंड और आर्म्ड कमांडो जैसे कई नाम सुने होंगे लेकिन अब हम आपका परिचय सायबर कमांडो से करा रहे हैं, पाकिस्तान से तनाव और तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी में साइबर फ्रॉड, हैकिंग और अटैक आम बात हो चली है साइबर वॉर का खतरा भी बना रहता है। इन्हें रोकने के लिए केंद्र सरकार की मदद से एमपी साइबर सेल ने पांच साइबर कमांडो तैयार किए हैं। अगले बैच में मध्य प्रदेश पुलिस के 39 जवान इस विशेष ट्रेनिंग को लेने जा रहे हैं।
हर तरह के हमले से सुरक्षा
इन साइबर कमांडों को कुछ उस तरह से ट्रेन किया गया है कि यह देश और विदेश में बैठे साइबर अटैकर्स के हर हमले को नाकाम करने में सक्षम हैं। मध्य प्रदेश के पांच साइबर कमांडो को आईआईटी कानपुर में 6 महीने की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई जो अब एमपी की साइबर सुरक्षा को और मजबूती प्रदान करेंगे। केंद्र के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई 4 सी) के तहत पहले बैच में देश भर से कुल 346 कमांडो तैयार किए गए हैं। ऐसे 5 हजार कमांडो तैयार करने का लक्ष्य है। इस ट्रेनिंग के दूसरे बैच में मध्य प्रदेश के 39 साइबर पुलिस के जवान ट्रेनिंग लेंगे।
साइबर कमांडों ऐसे करेंगे काम
अपराधियों की घर पकड़ के लिए एआई का इस्तेमाल करेंगे। सरकार के विभिन्न विभागों की वेबसाइट्स और सरवर को सुरक्षित करने के लिए ऑडिट करेंगे। सॉफ्टवेयर्स की साइबर सिक्योरिटी मजबूत करेंगे। साइबर हमले से रोकने के लिए फायरवॉल को मजबूत बनाने का काम करेंगे। नेटवर्क के लूप होल्स को दूर कर उसे हाईटेक बनाएंगे।
पाकिस्तानी हैकर्स को जवाब देंगे
साइबर फ्रॉड और डिजिटल वॉर जैसी स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि दुश्मन कभी आपके सामने नहीं होता। यह आपके पड़ोस में बैठा व्यक्ति या कोई विदेश से ऑपरेट कर रहा जलसाज भी हो सकता है। पहले भी कई साइबर फ्रॉड के मामलों में पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है। वहीं मौजूदा हालातो में पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच एक खतरा और भी बढ़ गया है। मध्य प्रदेश सायबर क्राइम एडीसीपी शैलेंद्र चौहान ने बताया कि इस तरह की ट्रेनिंग की मदद से हम साइबर क्राइम को रोकने में और भी ज्यादा सक्षम बनेंगे।
इन अधिकरियों ने ली ट्रेनिंग
साइबर कमांडो के पहले बैच की बात करें तो मध्य प्रदेश से 5 सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी इस ट्रेनिंग को ले चुके हैं। इनमें शैलेंद्र राठौर, मोहित पांडे, संदीप वर्मा, अनिल शर्मा और अनुज समाधिया शामिल हैं। अब यह मध्य प्रदेश के अलग-अलग विभागों के साथ कोऑर्डिनेशन कर राज्य के महत्वपूर्ण डाटा की सिक्योरिटी करेंगे। साथ ही सायबर क्राइम के संगीन मामलों में भी अपनी दक्षता के दम पर क्रिमिनल्स को पकड़ने में पुलिस की तकनीकी मदद करेंगे

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