शिखिल ब्यौहार, भोपाल. मध्य प्रदेश में विकास की रफ्तार पर्यावरण पर भारी पड़ रही है. ऐसे में NGT (National Green Tribunal) ने बड़ा फैसला लिया है. ताकि पेड़ों की कटाई को नियंत्रित किया जा सके. दरअसल, अब केंद्रीय साधिकार समिति की मंजूरी के बाद ही 25 से ज्यादा पेड़ काटे जा सकेंगे.

इस समिति की उच्चस्तरीय संरचना होगी. जिसमें पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, और राज्य के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक के प्रतिनिधि शामिल होंगे. पेड़ कटाई से पहले जियो टैगिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. ताकि पेड़ों की सटीक जानकारी मिल सके. समिति यह भी निर्णय लेगी कि क्या पेड़ कटाई के विकल्प उपलब्ध हैं या कोई अन्य उपाय किया जा सकता है.

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पेड़ काटने का निर्णय सभी सदस्यों की टीम मिलकर लेगी. NGT ने यह निर्णय राजधानी भोपाल के नीलबड़ से बरखेड़ा नाथू तक सड़क निर्माण के दौरान 700 पेड़ काटे जाने के मामले में सुनाया है. साथ ही समिति को हर छह महीने में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा पेड़ काटने की स्थिति में बदले में 10 से 100 गुना तक पौधारोपण करने का आदेश भी दिया गया है. ताकि पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके.

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