रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उन्नत और आधुनिक सोंच का ही परिणाम है कि राज्य का नया रायपुर भारत का अगला आईटी हब बनने जा रहा है। इसकी शुरुआत नवा रायपुर के सीबीडी एरिया से हो चुकी है। नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने 3 मल्टीनेशनल कंपनियों को ऑफिस संचालित करने के लिए सीबीडी (CBD RETAIL COMPLEX) में जगह भी किराए पर दे दिया है। छत्तीसगढ़ की साय सरकार के व्यापक प्रयासों और नई औद्योगिक नीति से अब छत्तीसगढ़ की राजधानी आईटी कंपनियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। नौकरी के मामले में नया रायपुर युवाओं के लिए भी पहली पसंद बनेगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदृष्टि
आर्टिफिशल इंटेलीजेंस की बुनियाद डाटा सेंटर पर होती है। भारत में डिजिटल क्रांति और Artificial Intelligence (AI) की लहर तेजी से फैल रही है। इसके चलते छत्तीसगढ़ राज्य, जो कभी सिर्फ़ खनिज संपदा और वन क्षेत्र के लिए पहचाना जाता था अब आईटी और एआई के क्षेत्र में भी नए शिखर को छूने जा रहा है। इन सबके पीछे राज्य के मुखिया की आधुनिक सोंच और दूरंदेशी का सबसे बड़ा योगदान रहा है। अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने डिजिटल छत्तीसगढ़ के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उनका मानना रहा है कि तकनीक के समावेश से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं में भी पारदर्शिता और दक्षता आएगी। राज्य की साय सरकार ने ‘न्यू डिजिटल छत्तीसगढ़’ के नाम से एक दीर्घकालिक योजना शुरू की है जिसके केंद्र में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप्स, डाटा सेंटर और एआई रिसर्च हब के निर्माण को मुख्य रूप से रखा गया है।
एआई डाटा सेंटर के लिए नीतिगत पहल और निवेश प्रोत्साहन
छत्तीसगढ़ सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक नई आईटी पॉलिसी 2024 लागू की। इस नीति के अंतर्गत डाटा सेंटर स्थापित करने वालों को भूमि, बिजली और कर में रियायतें दी जा रही है।स्टार्टअप्स को 5 वर्षों तक टैक्स में छूट दिया जा रहा है।छत्तीसगढ़ सरकार ने नई औद्योगिक नीति में आधुनिक तकनीक से संबंधित उद्योगों पर विशेष प्रावधान किये गये हैं। इसका लाभ इस क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आने वाले उद्यमियों को होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष उद्यमिता कार्यक्रम किया जा रहा है। एआई और नवाचार के क्षेत्र में काम करने वाले अनुसंधान संस्थानों को वित्तीय अनुदान दिया जा रहा है। इस नीतियों से आकर्षित होकर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जैसे शहरों में अपने आईटी पार्क और डाटा सेंटर की नींव भी रख दी है।

उद्योग विभाग ने सिंगल विंडो सिस्टम और ईज आफ डूइंग बिजनेस तथा स्पीड आफ बिजनेस को अपनाया है। छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली स्टेट है, इस वजह से यहां पर डाटा सेंटर के लिए असीम संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लगातार कोर सेक्टर के साथ ही आधुनिक जमाने के अनुरूप नये उद्योगों को बढ़ावा दे रहे हैं। बीते दिनों प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट के लिए भी भूमिपूजन किया गया। इसकी लागत 1163 करोड़ की है। रायपुर में अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए टेक्नोलॉजी कंपनी ESDS Software Solution Ltd ने 600 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का प्रस्ताव मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री से नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में मुलाकात के दौरान कंपनी के चेयरमैन पीयूष सोमानी और उपाध्यक्ष लोकेश शर्मा ने कहा कि यह सेंटर न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे भारत के डिजिटल भविष्य को गति देगा। इस प्रस्ताव के माध्यम से छत्तीसगढ़ को AI, क्लाउड टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल स्टोरेज के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में ठोस पहल होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा, “डिजिटल इंडिया की भावना को छत्तीसगढ़ में धरातल पर उतारने के लिए यह निवेश मील का पत्थर साबित होगा। सरकार हरसंभव सहायता देगी ताकि यह परियोजना जल्द से जल्द मूर्तरूप ले।”

राजधानी बन रहा एआई डाटा सेंटर का नया गढ़
प्रदेश के मुखिया के कर कमलों से 1000 करोड़ रुपए की लागत से 13.5 एकड़ में पहला एआई डाटा सेंटर पार्क अटल नगर नवा रायपुर के सेक्टर-22 सीबीडी रेलवे स्टेशन के पास आरम्भ किया गया है। इसमें 2.7 हेक्टेयर एरिया स्पेशल इकानामिक जोन के विकास के लिए तैयार किया गया है। छत्तीसगढ़ को देश का पॉवर हब बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से एनर्जी समिट किये गये हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में राजधानी रायपुर को एआई और डाटा एनालिटिक्स का केंद्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके तहत ‘रायपुर एआई इकोसिस्टम हब’ की स्थापना की गई है। यहाँ न केवल डाटा स्टोरेज, बल्कि मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, और भाषाई एआई पर शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत सरकार की डिजिटल इंडिया मिशन के साथ मिलकर ‘AI for Bharat’ कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के लिए खास डेटा सेट तैयार किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (CHiPS) ने एआई रिसर्च फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें युवा शोधार्थियों को हर वर्ष स्कॉलरशिप देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
नए आईटी हब और एआई डाटा सेंटर से प्रदेश के युवा पाएंगे रोजगार
राज्य की साय सरकार के विज़न से ही हो पा रहा है राज्य का नव-निर्माण। भारत के अगले आईटी हब और एआई डाटा सेंटर से राज्य के युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद बन रही है। उत्साह बढ़ाने वाली जानकारी यह है कि अब तक 350 नौकरियां पैदा की जा चुकी है और अगले 4-6 महीनों में इसे 600 से 650 तक ले जाया जाएगा, जबकि कंपनी का लक्ष्य डेढ़ साल में 1000-1200 नौकरियां पैदा करना है। नए नियुक्त 350 कर्मचारियों में 92 प्रतिशत कर्मचारी छत्तीसगढ़ से हैं, जबकि शेष 8 प्रतिशत तेलंगाना, ओडिशा, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों से हैं।
आईटी हब बनने की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री साय ने नया रायपुर स्थित सीबीडी भवन में स्क्वायर के बीपीओ का उद्घाटन किया, जिसमें स्क्वायर बिजनेस सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने नवा रायपुर में एक बीपीओ स्थापित किया है, जो छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए नौकरी की पेशकश भी कर रहा है। इसमें नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा, गरियाबंद और धमतरी जिलों के उम्मीदवार शामिल हैं।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार सृजन गतिविधियों में संलग्न होने के निर्देश दिए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) कंपनियों को प्लग-एंड-प्ले स्पेस सुनिश्चित कर रहा है। अब तक चार कंपनियों को 1800 सीटें आवंटित भी की जा चुकी हैं।

“टेलीपरफॉर्मेंस सहित कई कंपनियों को सीटें आवंटित की गई है और यहां उपलब्ध जगह में एक अलग आईटी टॉवर भी विकसित कर रहे हैं। कंपनियों और युवाओं से लगातार पूछताछ प्राप्त होने के बाद जल्द से जल्द 5000-6000 नौकरियां पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर नया रायपुर में नौकरियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जिला कलेक्टरों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों के रोजगार अधिकारियों के साथ यहां आने वाली कंपनियों का समन्वय भी सुनिश्चित की जा रही है। ESDS की पहल छत्तीसगढ़ को एक टेक्नोलॉजी हब बनाने के साथ-साथ युवाओं के लिए उच्च स्तरीय रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। यह सेंटर राज्य के IT इकोसिस्टम को मजबूती देगा और डिजिटल आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम होगा।
रोजगार और कौशल विकास
आईटी और एआई सेक्टर में राज्य के युवाओं को जोड़ने के लिए सरकार ने व्यापक ‘डिजिटल स्किल मिशन’ शुरू किया है। आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों को एआई पाठ्यक्रमों से जोड़ा गया है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और टीसीएस जैसी कंपनियों के साथ मिलकर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है। ‘रूरल कोडिंग कैंप’ की शुरुआत की गई, जिसमें गांवों के युवाओं को मुफ्त कोडिंग शिक्षा दी जा रही है। इससे राज्य में न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि देशभर के तकनीकी स्टार्टअप्स का ध्यान भी छत्तीसगढ़ की ओर गया है।
स्मार्ट सिटी और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा
एआई की मदद से साय सरकार रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग को ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में विकसित करने की दिशा में भी शानदार काम कर रही है। नागरिक सेवाओं को ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है। AI चैटबॉट्स के माध्यम से शिकायत निवारण प्रणाली की शुरुआत की है। ट्रैफिक मैनेजमेंट, कचरा प्रबंधन और ऊर्जा वितरण में AI आधारित समाधान अपनाए जा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तकनीकी साझेदारी
छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने जापान, दक्षिण कोरिया और इज़राइल जैसे देशों की तकनीकी कंपनियों के साथ समझौते किए हैं, जिनके तहत AI अनुसंधान और डाटा सेंटर प्रबंधन में तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के तकनीकी छात्रों को विदेशों में इंटर्नशिप और शोध का अवसर दिया जा रहा है। संयुक्त स्टार्टअप इनक्यूबेशन कार्यक्रम किए जा रहे हैं। अब तक आईटी कंपनी का मतलब बैंगलोर, मुंबई या गुड़गांव में स्थित कम्पनियाँ ही हुआ करती थी मगर प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार छत्तीसगढ़ को आईटी हब और एआई डाटा सेंटर का रूप देकर देशभर की धारणा को बदल रही है।
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