Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी कस्बे में सोमवार देर शाम एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें हिरणों की रक्षा के लिए जान गंवाने वाले चार वन्यजीव प्रेमियों को याद किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम लाठी थानाधिकारी राजेंद्र खदाव को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें इन प्रकृति रक्षकों को शहीद का दर्जा देने और उनकी वीरगाथा को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की गई।

श्रद्धांजलि में उमड़ा जनसैलाब

कार्यक्रम लाठी कस्बे के प्राचीन किले परिसर में आयोजित हुआ, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग एकत्र हुए। सभी ने राधेश्याम विश्नोई धोलिया, श्याम विश्नोई धोलिया, कंवरराजसिंह भाटी और वनरक्षक सुरेन्द्र चौधरी की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। ग्रामीणों ने इन चारों को वन्यजीवों के सच्चे सिपाही बताते हुए कहा कि वे केवल दुर्घटना के शिकार नहीं हुए, बल्कि अपने कर्तव्य पथ पर शहीद हुए।

राधेश्याम विश्नोई को गोडावण मैन ऑफ इंडिया की उपाधि देने की मांग

ज्ञापन में राधेश्याम विश्नोई को गोडावण मैन ऑफ इंडिया की उपाधि देने, उनके परिजनों को आर्थिक सहायता देने और एक सदस्य को वन विभाग में नौकरी देने की मांग की गई। साथ ही, सभी चारों व्यक्तियों को शहीद का दर्जा देने और उनके नाम पर स्थायी शहीद स्मारक बनवाने की भी अपील की गई।

मरणोपरांत मिले वन्यजीव संरक्षण का सर्वोच्च सम्मान

ज्ञापन में राज्य और केंद्र सरकार से यह मांग भी की गई कि इन चारों वन्यजीव रक्षकों को मरणोपरांत वन्यजीव संरक्षण के लिए सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। इसके साथ ही, उनके जीवन और कार्यों को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल कर नई पीढ़ी को प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाए।

हिरण शिकार रोकने की कोशिश में हादसा

23 मई 2025 को हिरण शिकार की सूचना मिलने पर चारों वन्यजीव प्रेमी घटनास्थल की ओर रवाना हुए थे। रास्ते में उनकी गाड़ी एक सड़क हादसे का शिकार हो गई, जिसमें चारों की मृत्यु हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह बलिदान था जो उन्होंने वन्यजीवों की रक्षा के लिए दिया।

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