Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित एक ज्वैलरी फैक्ट्री में सोमवार रात दर्दनाक हादसा हो गया। अचल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड के सेप्टिक टैंक में सफाई के नाम पर 8 मजदूरों को उतारा गया, जिनमें से 4 की जहरीली गैस से दम घुटने के कारण मौत हो गई और 2 की हालत गंभीर बनी हुई है।

सोना-चांदी के कण निकालने टैंक में उतरे थे मरीज

घटना उस वक्त हुई जब फैक्ट्री में सोना-चांदी के आभूषणों के निर्माण के दौरान केमिकल युक्त पानी और बारीक कणों को इकट्ठा करने वाले सेप्टिक टैंक की सफाई की जा रही थी। फैक्ट्री में यह प्रक्रिया समय-समय पर इसलिए की जाती है ताकि टैंक की गाद से कीमती धातुओं के कण निकाले जा सकें। इस कार्य के लिए मशीनों की बजाय मजदूरों से काम लिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मजदूरों ने दोपहर में ही टैंक में उतरने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि भीषण गर्मी और केमिकल युक्त पानी के कारण टैंक में जहरीली गैस हो सकती है। इसके बावजूद उन पर दबाव डाला गया और रात 8 बजे के आसपास दो मजदूरों को टैंक में उतारा गया।

सबसे पहले टैंक में उतरे अमित और रोहित बेहोश होने लगे तो उन्होंने शोर मचाया। उन्हें बचाने के लिए अन्य मजदूर अंदर गए, जिनमें संजीव पाल, हिमांशु सिंह, अर्पित यादव, और मुकेश भी शामिल थे। एक के बाद एक सभी मजदूर टैंक के भीतर बेहोश हो गए।

चार की मौत, दो अस्पताल में भर्ती

अस्पताल पहुंचने पर यूपी के अंबेडकर नगर निवासी संजीव पाल, हिमांशु सिंह, रोहित पाल और सुल्तानपुर निवासी अर्पित यादव को मृत घोषित कर दिया गया। गंभीर रूप से घायल अजय चौहान और राजपाल को आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अमित और सूरजपाल को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। मृतकों में ठेकेदार मुकेश पाल का भाई भी शामिल है।

घटना की सूचना मिलने के बाद सांगानेर सदर थाना पुलिस, एडीएम साउथ, एसडीएम सांगानेर, और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। एफएसएल टीम को भी बुलाया गया, लेकिन देर रात तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि किस गैस के कारण यह हादसा हुआ।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी, मशीनों की जगह मानव श्रम

बताया जा रहा है कि अन्य ज्वैलरी फैक्ट्रियों में ऐसी प्रक्रिया के लिए विशेष मशीनें लगाई जाती हैं, लेकिन इस फैक्ट्री में टैंक की सफाई का काम मजदूरों से करवाया जा रहा था। नई फैक्ट्री बनने के बाद से अंडरग्राउंड टैंक बनाए गए जिनके गेट भी बेहद संकरे थे, जिससे बचाव कार्य में भी परेशानी आई।

पढ़ें ये खबरें