हेमंत शर्मा, इंदौर। चीन और बांग्लादेश के कपड़ों के खिलाफ इंदौर के खुदरा गारमेंट व्यापारियों ने बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को राजबाड़ा पर इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन ने चीन और बांग्लादेशी कपड़ों की प्रतीकात्मक होली जलाकर विरोध जताया गया। एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “टेरर – टॉक और ट्रेड एक साथ नहीं हो सकते” संदेश को आधार बनाकर यह आंदोलन शुरू किया है।
विदेशी कपड़ों की बिक्री बंद करने का लिया संकल्प
संगठन के अध्यक्ष अक्षय जैन के मुताबिक, 600 से ज्यादा व्यापारी विदेशी कपड़ों की बिक्री बंद करने का संकल्प ले चुके हैं। इस अभियान को अन्य व्यावसायिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है और इसे अब जन आंदोलन का रूप दिया जा रहा है।
आर्थिक नुकसान और कस्टम चोरी का आरोप
अक्षय जैन ने बताया कि बांग्लादेश के रास्ते भारी मात्रा में चीनी कपड़े भारत में प्रवेश कर रहे थे, जिससे सरकार को कस्टम ड्यूटी में भारी नुकसान हो रहा था। अकेले इंदौर में हर महीने 60 करोड़ रुपये से ज्यादा का चीनी गारमेंट्स बाजार में बिकता है, जिसमें महिलाओं के वेस्टर्न वियर की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार को आमजन का समर्थन भी मिल रहा है। संगठन ने एक अस्थायी कॉल सेंटर शुरू किया है, जहां ग्राहकों को स्वदेशी उत्पादों की जानकारी दी जा रही है।
ऑनलाइन खरीदी न करने की अपील
उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग में भी चीनी-बांग्लादेशी प्रोडक्ट न खरीदने की अपील की जा रही है। इस विरोध प्रदर्शन में विधायक गोलू शुक्ला सहित कई प्रमुख व्यापारी और संगठन पदाधिकारी मौजूद रहे। शुक्ला ने कहा कि यह विरोध सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि राष्ट्रहित का कदम है। इस मौके पर अहिल्या चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल, भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष धीरज खंडेलवाल सहित कई अन्य गणमान्य शामिल हुए।
नारा: स्वदेशी अपनाओ विदेशी हटाओ
इंदौर में शुरू हुआ यह विरोध अब प्रदेश और देशभर में फैलने की तैयारी में है। व्यापारी वर्ग का कहना है कि अब समय है कि भारत के लोग स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें।
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