मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की साजिश को अंजाम देने वाले आतंकी तहव्वुर राणा को सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से राहत मिली है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा को उसके परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करने की इजाजत दी है। स्पेशल जज जस्टिस चंदरजीत सिंह ने आतंकी राणा को एक बार के लिए फोन कॉल की छूट दी है। बता दें कि राणा ने विदेशी नागरिक होने और उसके परिवार को उसकी स्थिति जानने का अधिकार होने का हवाला देते हुए बातचीत की अनुमति मांगी थी।

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कोर्ट ने क्या दिया आदेश?

गौरतलब है कि, कोर्ट ने कहा है कि वह सिर्फ एक बार ही अपने परिवार से बात कर पाएगा। जज ने कहा कि यह कॉल जेल मैनुअल के अनुसार होगी और तिहाड़ जेल प्रशासन की निगरानी में की जाएगी। इसी तरह कोर्ट ने अधिकारियों को 10 दिनों में राणा के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की दूसरी रिपोर्ट और राणा को नियमित रूप से फोन कॉल करने की अनुमति देने या न देने पर उनके स्पष्ट रुख की रिपोर्ट दाखिल करने के भी आदेश दिए हैं।

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कोर्ट ने 9 जुलाई तक बढ़ा रखी है राणा की न्यायिक हिरासत

पिछले सप्ताह अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किए जाने के बाद राणा की न्यायिक हिरासत को 9 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया था। उससे पहले 25 अप्रैल को कोर्ट ने उसकी परिवार से बात करने की अनुमति वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

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कौन है तहव्वुर राणा?

64 वर्षीय तहव्वर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई बिजनेसमैन रहा है। वह फिलहाल भारत की न्यायिक हिरासत में है। वह 26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमेन हेडली (जिसे दाऊद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है) का करीबी सहयोगी रहा है। हेडली अमेरिकी नागरिक है, जिसके साथ तहव्वुर राणा ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (HUJI) जैसे शैडो टेरर संगठनों के कई अन्य पाकिस्तानी सहयोगियों के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रची थी।

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