Rajasthan News: सवाई माधोपुर के रणथंभौर दुर्ग में टाइगर के हमले से राधेश्याम सैनी की मौत के बाद उपजे जन आक्रोश ने प्रशासन की नींद उड़ा दी थी। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने 33 घंटे तक धरना देकर 8 सूत्रीय मांगें रखीं, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए थे।

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा मंगलवार को धरना स्थल पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को संविदा नौकरी देने का वादा कर धरना समाप्त करवाया।
इस दौरान डॉ. मीणा ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि रणथंभौर में लापरवाह और नशे में चूर रहने वाले अधिकारी तैनात हैं, जिन्होंने हालात को बिगाड़ दिया है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि लगातार हो रही मानव-वन्यजीव टकराव की घटनाओं से वे खुद आहत हैं और जिम्मेदार अधिकारियों को हटाने का संकल्प लिया।
उन्होंने मौके पर 20 सदस्यीय ग्रामीण प्रतिनिधि समिति का गठन किया, जिसे लेकर वे मुख्यमंत्री और केंद्रीय वन मंत्री से वार्ता करेंगे। इसके साथ ही मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार के लिए शव परिजनों को सौंपा गया। डॉ. किरोड़ी ने कहा, अब और अन्याय नहीं सहा जाएगा, रणथंभौर के लापरवाह अफसरों को हटाना मेरी प्राथमिकता है।
20 वर्षों से जैन मंदिर में सेवा कर रहे राधेश्याम सैनी की सुबह 4:30 बजे बाघ के हमले से मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने रणथंभौर-कुंडेरा मार्ग जाम कर दिया और मांग की कि आश्रित को नौकरी, 50 लाख का मुआवजा और 10 बीघा जमीन दी जाए। साथ ही वन अधिकारियों पर कार्रवाई और आक्रामक बाघों को शिफ्ट करने की मांग की गई थी।
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