नई दिल्ली। विकीलीक्स के खुलासों ने दुनिया भर के कई देशों की नींद उड़ा चुकी है लेकिन इस बार नींदें उड़ने की बारी आपकी हमारी और देश की खुफिया एजेंसी की है.
विकीलीक्स ने शुक्रवार को एक खुलासा किया है जिसके अनुसार अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने एक टूल के जरिए भारतीय आधार कार्ड के डाटा में सेंध लगा दी है. हालांकि देश की सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात से इंकार किया है.
विकीलीक्स ने शुक्रवार को ट्वीट करके एक आर्टिकल शेयर किया. इस आर्टिकल में क्रॉस मैच के भारत में ऑपरेशन और कंपनी के पार्टनर स्मार्ट आईडेंटिटी डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड का जिक्र किया है. इस कंपनी ने आधार डेटाबेस में 12 लाख भारतीय नागरिकों को जोड़ा है. ट्वीट में लिखा है ‘क्या सीआईए के जासूस भारत के राष्ट्रीय पहचान डेटाबेस को चुरा चुके हैं? कुछ देर बाद एक अन्य ट्वीट में लिखा ‘क्या सीआईए ने भारत का आधार डेटाबेस चुरा लिया है? क्रॉस मैच बायोमीट्रिक डेटा को कैप्चर करने के लिए डिवाइसेज का ग्लोबल सप्लायर है.
अगर विकीलीक्स के दावे सही हैं तो यह आपके हमारे लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात है, आधार कार्ड डाटा में करोड़ों भारतीयों के बायोमेट्रिक डेटा उपलब्ध हैं. अगर ये गलत हाथों में आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते कि इसका कैसा इस्तेमाल किया जा सकता है.