BODY SHAMING: रायपुर. ऐ मोटे कहां जा रहा है… ओए नाटू इधर आना जरा… ए कल्लू साइड होना… अगर आप भी अपने स्कूल, पड़ोस, ऑफिस कहीं भी इस तरह के बॉडी शेमिंग करते हुए किसी को बुलाते हैं तो ऐसा करना बंद कर दीजिए, क्योंकि आपके लिए यह हंसी मजाक हो सकता है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि जिसे आप इस तरह बुला रहे हैं उसके मन मस्तिष्क पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है. अगर नहीं सोचा तो वता दें कि ये शब्द उसकी जान भी ले सकते हैं. कुछ दिन पहले ही एक टीचर ने वाडी शेमिंग से तंग आकर सुसाइड कर लिया था. यह घटना सिर्फ एक आत्महत्या नहीं वल्कि समाज में गहराते मानसिक तनाव और शरीर को लेकर की जाने वाली टिप्पणियों के असर को दिखाती है. हैलट के मानसिक रोग विभाग में भी इस तरह के केस डेली आते हैं. जो लोगों के विहेवियर की वजह से डिप्रेशन में जा रहे हैं. डॉक्टर मेडिसिन देने के साथ उनकी काउंसिलिंग कर रहे हैं.

बॉडी शेमिंग से तंग आकर टीचर ने किया था सुसाइड

एक 28 साल की टीचर सालवी गुप्ता ने शारीरिक वनावट और वार-वार की जाने वाली वॉडी शेमिंग से तंग आकर सुसाइड कर लिया. सालवी थायरॉयड असंतुलन से पीड़ित थी जिसके उसका वजन 90 किलो तक पहुंच गया था. लंवे इलाज और प्रयासों के वावजूद उसका वजन कम नहीं हो सका, परिवार ने उसे बिजी रखने और आत्मविश्वास लौटाने के लिए एक स्कूल में पढ़ाने के लिए भी भेजा लेकिन वहां भी इसे उसी समस्या से दो-चार होना पड़ा. जिसके चलते उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया. यह घटना सिर्फ एक आत्महत्या नहीं बल्कि समाज में गहराते मानसिक तनाव और शरीर को लेकर की जाने वाली टिप्पणियों के असर को दिखाती है.

इन लक्षणों को न करें इग्नोर

एक मनोवैज्ञानिक एक्सपर्ट का कहना है कि सोमैटोफार्म डिसऑर्डर से ग्रसित बच्चों का मन उदास रहता है, निराशा भरी बातें करते हैं, काम में मन नहीं लगता है, सुसाइड के ख्याल आते है, वच्चे में यह लक्षण दिखाई दें तो उसको कतई भी इग्नोर न करें और विना देर किए किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लेकर बच्चों का चेकअप करा लेना चाहिए, जिससे उसको नार्मल लाइफ स्टाइल से जोड़ा जा सके.

ये लक्षण दिखें तो अलर्ट हो जाएं

  • लगातार उदास बने रहना
  • 2 निराशा भरी बाते करना
  • किसी काम में मन न लगना
  • सुसाइड के ख्याल आना
  • जा भूख कम लगना या अधिक लगना
  • नीद कम आना या अधिक आना
  • उलझन, बेचैनी व चिड़चिडापन
  • पेट साफ न होना या गैस बनना