शेख आलम, कोरिया। धरमजयगढ़ क्षेत्र में हाथी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार तड़के सुबह हाथी ने दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया. हाथी के हमले से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग पर सुरक्षा मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया. और उनकी गाड़ी रोक लिया. अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने गाड़ी जाने दिया.

खड़गांव और सेमिपाली के जंगल में तेजराम और गुरवारु राठिया तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे. इस दौरान हाथी ने हमला कर दिया, जिससे मौके पर ही दोनों की दर्दनाक मौत हो गई. घटना की सूचना के काफी समय बाद वन अमला मौके पर पहुंची, जिसे देख ग्रामीण बिफर गए. वन विभाग एवं पुलिस पर गुस्सा टूट पड़ा. ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे धरमजयगढ़ एसडीओपी अर्जुन कुर्रे और छाल रेंजर सत्यव्रत दुबे की वाहन को ग्रामीण डंडा लेकर रास्ता रोक लिए और चिल्लाने लगे हाथी से हमें सुरक्षा चाहिए. साथ ही वन विभाग की लापरवाही गिनाएं.

ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग हाथी से बचाव के लिए कोई भी कारगर उपाए नहीं कर रही है, और न हीं क्षेत्र में हाथी आमद की कोई सूचना दी जा रही है. साथ ही फसल नुकसान का मुआवजा नहीं के बराबर मिल रहा है.

आपको बता दें कि पिछले दिनों रात में हाथी ने दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया. ग्रामीणों का कहना है कि एक ही हाथी है जो बारी-बारी से 2 दिन में 3 लोगों की जान ले ली. बताया जा रहा है कि क्रोन्धा के जंगल में भी एक शख्स को हाथी ने मार डाला है, हालांकि तीसरे शख्स की पुष्टि नहीं हो पाई है. ग्रामीणों का आरोप लगाया कि वन विभाग सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है. अब वन विभाग केवल मृतक के परिजनों को मुआवजा बांटने का काम कर रही हैं.