रायपुर. ग्रीष्मावकाश के दौरान पूरे 45 दिन तक समर कैंप लगाए जाने के आदेश को शालेय शिक्षाकर्मी ने अव्यवहारिक और अवांछनीय बताते हुए सोमवार को प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी से मुलाकात कर कड़ा विरोध दर्ज करते हुए इस आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की.

शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने सोमवार को मंत्रालय और लोक शिक्षण संचालनालय के उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर समर कैम्प को बन्द करने हेतु ज्ञापन सौंपा. दुबे ने उम्मीद जताई है कि शासन संवेदनशीलता का परिचय देते हुए इस आदेश को निरस्त करने की ओर अवश्य कदम उठाएगा, और प्रदेश के नौनिहालों के भविष्य और स्वास्थ्य से कोई खिलवाड़ नही करेगा. शालेय शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश के समस्त बच्चों व शिक्षकों के साथ हमेशा खड़ा रहेगा.

ज्ञातव्य है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 1 मई से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित करते हुए, इस अवधि में स्कूल खोलने पर कड़ी कार्रवाी करने का निर्देश दिया था, वहीँ राज्य परियोजना कार्यालय ने उक्त आदेश को अधिक्रमित करते हुए समस्त कलेक्टरों के माध्यम से जिला शिक्षाधिकारियों को आदेशित किया गया है कि वे अनिवार्यतः समस्त प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में समर कैम्प का आयोजन करें. जिसका विरोध किया जा रहा है.

शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रतिनिधिमण्डल में महासचिव धर्मेश शर्मा, चन्द्रशेखर तिवारी, डॉ सांत्वना ठाकुर, सुनील सिंग, विष्णु शर्मा, जितेंद्र शर्मा, सत्येन्द्र सिंह, दीपक वेंताल, दिनेश राजपूत, हिमन कोर्राम, प्रह्लाद जैन, सर्वजीत पाठक, यादवेन्द्र दुबे, विवेक शर्मा, भानुप्रताप डहरिया, सर्वेश शर्मा, प्रदीप पांडेय, राजेश यादव, कृष्णराज पांडेय, भूपेंद्र ध्रुवंशी व अन्य सम्मलित थे.