रोहित कश्यप, मुंगेली– आज शादी अधिक खर्चीला हो गया है. लोग चाह कर भी इससे बच नहीं पाते. सामाजिक लोग क्या कहेंगे सोचकर मजबूरी में लोग धूमधाम से शादी कराने का फैसला टाल नहीं सकते. इसके साथ ही समाज में व्याप्त दहेज प्रथा की कुरीतिया कभी-कभी बेटियों की दांपत्य को उजाड़ देती हैं. इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए मुंगेली के क्षत्रिय (कन्नौजिया) समाज ने दहेज प्रथा जैसी कुरूतियों को खत्म करने आदर्श सामूहिक विवाह का आयोजन किया.

सोमवार को सामूहिक विवाह में 7 जोड़े ने फेरे लेकर विवाह के बंधन में बंधे. समाज के मुखिया विश्वनाथ सिंह परिहार ने कहा कि दहेज प्रथा भले ही समाज में प्रतिबंध है, मगर अप्रत्यक्ष रूप से उपहार स्वरूप आज भी समाज में यह बुराई विद्यमान है. जिसके चलते वैवाहिक कार्यक्रम अत्यधिक खर्चीला हो चुका है.

इसी वजह से ऐसी कुरीति को पूरी तरह खत्म करने व सामाजिक विकास एवं एकता को बढ़ावा देने के लिए आदर्श सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि हमारे समाज में शादी का कार्यक्रम अत्यधिक खर्चीला हो गया हैं, जिसके चलते समाज पिछड़ता जा रहा है. इन्हीं सब कारणों को देखते हुए इस तरह का आयोजन किया गया है.

हिंदू धर्म के मुताबिक पूरे विधि-विधान से 7 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया. जहां सभी जोड़े रस्मों रिवाज से फेरे लेते हुए एक विवाह के बंधन में बंधे.परिवार जनों व समाज के लोगों से शुभ आशीर्वाद दिया.

समाज के पदाधिकारियों ने सामाजिक नवयुवक एवं नवयुवतियों सहित परिजनों से अपील की है कि समाज द्वारा आयोजित इस तरह के आदर्श सामूहिक विवाह में अधिक से अधिक भाग लें, ताकि महंगी शादी वाली कुरीति से बचा जा सके. और दहेज प्रथा का उन्मूलन किया जा सके.