रायपुर-  तो क्या चिप्स के सर्वर में आई खराबी एक गंभीर चूक का नतीजा है? जानकारी तो यही कहती है. सर्वर में खराबी के बाद पीईटी और पीपीएचटी की परीक्षा रद्द होने के बाद राज्य शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए चिप्स की अध्यक्ष उमा देवी, सीईओ के सी देवसेनापति, एडिशनल सीईओ आनंद परियल समेत आठ लोगों को नोटिस जारी किया था. खबर है कि नोटिस का जवाब सरकार को भेज दिया गया है. इस बीच चिप्स से जुड़े सूत्र बताते हैं कि लगातार हो रही लापरवाही का नतीजा था कि पीईटी-पीपीएचटी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के दौरान सर्वर डाउन हो गया.

चिप्स से जुड़े सूत्र बताते हैं कि डाटा सेंटर के टेम्परेचर कंट्रोल के एन्युअल मेंटनेंस (एएमसी) में जमकर लापरवाही बरती गई है. डाटा सेंटर आपरेट करने का जिम्मा sify टेक्नालाजी लिमिटेड के पास हैं, जिसने डाटा सेंटर में स्नाइडर कंपनी का डिवाइस लगा रखा है, लेकिन मेंटनेस के लिए स्नाइडर को रिन्यू न करते हुए स्नाइडर के लिए काम करने वाले इंजीनियर बारी और sify के मैनेजर सौरभ रामटेके ने खुद थर्ट पार्टी बनकर एएमसी का काम ले लिया. चिप्स के आला अधिकारियों से यह कहा गया कि यदि स्नाइडर एएमसी का काम करेगी, तो ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे, लेकिन स्थानीय स्तर पर मेंटनेंस करने पर कम खर्चा आएगा. सूत्र बताते हैं कि चूंकि डिवाइस स्नाइडर ने ही लगाया है ऐसे में यदि मेंटनेस का जिम्मा प्रत्यक्ष तौर पर स्नाइडर कंपनी के हाथों होता, तो सर्वर में खराबी नहीं आ सकती थी. डाटा सर्वर रूम में टेम्परेचर कंट्रोल करने की पूरी जिम्मेदारी कंपनी की होती, लेकिन फिलहाल लोकल लेवल पर जिस तरह से एएमसी का काम दिया गया, उसमें किसी तरह की वारंटी नहीं दी गई. यही वजह रही कि प्रिशिजन एसी बैठ गया. टेम्परेचर बढ़ने की वजह से सर्वर में प्राब्लम आनी शुरू हो गई, जिसके बाद व्यापम का सर्वर बैठ गया. चिप्स के  सूत्रों की माने तो अब भी महज टेम्परेरी व्यवस्था पर सर्वर के लिए टेम्परेचर को कंट्रोल किया जा रहा है. एसी की पाइप्स में लिकेज अब भी बरकरार है. आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि पिछले डेढ़ साल से डाटा सेंटर का एएमसी नहीं किया गया था.

एक सर्वर बंद होता है, तो दूसरा आटोमेटिक हो जाता है चालू

चिप्स के तकनीकी जानकारों की माने तो यहां का डाटाबेस ओरेकल में चल रहा है. इसका आपरेटिंग सिस्टम रेट हेट लाइनेक्स है. लेकिन 28 फरवरी के बाद से इसका मेंटनेस नहीं होने की खबर है. जानकारों की माने तो सर्वर में दिक्कत आने पर दूसरा सर्वर आटोमेटिक चालू हो जाता है, लेकिन मेंटनेस के अभाव में चिप्स का सर्वर बैठ गया था. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राज्य सरकार के सभी महत्वपूर्ण विभागों का डाटा रखने वाला चिप्स इसके मेंटनेस के लिए कितना सजग है?

48 रैक्स में रखे हैं 40 सर्वर

चिप्स राज्य की ढाई सौ से ज्यादा सरकारी वेबसाइट्स का संचालन करती है. साल 2013 में स्टेट डाटा सेंटर बनाए जाने के बाद से अब तक 48 रैक्स में करीब 40 सर्वर लगाए गए हैं. डाटा सेंटर टियर टू श्रेणी का है. तकनीक के जानकार बताते हैं कि यह बेहतर स्टोरेज वाला सर्वर है. आइएसओ 2000 सर्टिफाइड इस डाटा सेंटर को सुरक्षा के लिए आइएसओ 27001:2013 द्वारा प्रमाणित किया गया है.