रायपुर। सूरजपुर जिले के तहसीलदार संजय राठौर के निलंबन को चिंताजनक बताते हुए छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने तत्काल प्रभाव से उनकी बहाली की मांग की है. संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिवस के भीतर इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई, तो प्रदेशव्यापी आंदोलनात्मक रणनीति पर विचार किया जाएगा.
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छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने बयान जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार वर्तमान में अत्यंत सीमित संसाधनों, स्टाफ की भारी कमी और तकनीकी सहयोग के अभाव में राजस्व प्रशासन का समस्त कार्यभार उठाने को बाध्य हैं.

संघ ने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों में अधिकारी स्वयं के संसाधनों से कार्य करते हुए भी जब किसी शिकायत या पोर्टल आवेदन के आधार पर बिना पूर्व सूचना एवं सुनवाई के निलंबन जैसी कठोर कार्रवाई का सामना कर रहे हैं, तो यह प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है.
इसके साथ ही संजय राठौर के खिलाफ की गई चिंताजनक बताते हुए कहा कि तहसीलदार – नायब तहसीलदार राजस्व न्यायालय में पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं, जिनके आदेशों के विरुद्ध अपील व पुनरीक्षण जैसे वैधानिक उपाय उपलब्ध हैं. ऐसे में न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम की भावना को दरकिनार कर सीधे निलंबन करना न्याय और प्रक्रिया दोनों का उल्लंघन है.
संघ ने संजय राठौर को तत्काल प्रभाव से बहाल किए जाने के साथ पूर्व में निलंबित अन्य अधिकारियों की न्यायसंगत समीक्षा कर बहाली करने और प्रत्येक तहसील को न्यूनतम आवश्यक संसाधन (तकनीकी स्टाफ, वाहन, ऑपरेटर) तत्काल उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.
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