रायपुर। नवा रायपुर से एक मिसाल कायम करने वाली खबर सामने आई है, जहां एक भीषण सड़क हादसे में NGO ‘कुछ फ़र्ज़ हमारा भी’ के सदस्यों ने समय रहते न सिर्फ एक परिवार की जान बचाई, बल्कि इंसानियत की एक जीवंत तस्वीर पेश की।


जानकारी के अनुसार, हादसा तब हुआ जब गर्भवती महिला, उसका पति और दो वर्षीय बच्ची बाइक से जा रहे थे, तभी तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। कार में मालिक मौजूद था और ड्राइवर वाहन चला रहा था।

हादसे में बाइक सवार पति-पत्नी और उनकी मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गए। टक्कर इतनी भीषण थी कि बच्ची की सांसें थम चुकी थी और माता-पिता खून से लथपथ, बेहोशी की हालत में पड़े थे।

उसी वक्त वहां मौजूद NGO ‘कुछ फ़र्ज़ हमारा भी’ के सदस्य स्मारिका राजपूत, नितिन सिंह राजपूत, पूनम जुमनानी, तनूजा लालवानी, और तनिष्क राजपूत तुरंत मौके पर पहुंचे। बच्ची की हालत देख स्मारिका राजपूत ने बिना देरी किए उसे CPR और रेस्क्यू ब्रीथ देकर जीवनदान दिया। यह एक निर्णायक क्षण था। यदि कुछ मिनट भी देरी होती, तो मासूम बच्ची की जान नहीं बच पाती।
इसके बाद NGO के सदस्यों ने बच्ची को तत्काल सत्य साईं अस्पताल पहुंचाया, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद उसे RIMS अस्पताल रेफर किया गया। वहीं घायल माता-पिता को भी अस्पताल पहुंचाने में NGO के अन्य सदस्यों और स्थानीय युवाओं ने अहम भूमिका निभाई। महिला बार-बार बेहोश हो रही थीं और पुरुष के दोनों पैर टूट चुके थे, सिर पर भी गंभीर चोट थी।
घटना के बाद मौके पर किसी भी वाहन चालक ने मदद के लिए गाड़ी नहीं रोकी, लेकिन NGO टीम ने हर मुमकिन कोशिश कर समय रहते घायल परिवार को उपचार दिलवाया। साथ ही कार चालक और मालिक को रोककर घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दी गई। इस दौरान रजत अग्रवाल लगातार फोन पर टीम के संपर्क में रहे और AIG संजय शर्मा ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए हरसंभव सहायता प्रदान की।
कुछ फर्ज़ हमारा भी के सदस्य नितिन सिंह राजपूत ने कहा कि “हमने सिर्फ एक परिवार नहीं बल्कि चार जिंदगियां और इंसानियत को बचाया है।
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