रायपुर- छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार किसानों की बेहतरी के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर अपनी ही पीठ ठोकती नजर आती है, तो ऐसे में बीजेपी के वरिष्ठ सांसद रमेश बैस के इस बयान पर चर्चा होना लाजिमी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि किसान खून पसीना एक कर फसल तैयार करता है, लेकिन उसका वाजिब मूल्यांकन सरकार नहीं करती. बैस ने यह बयान इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आय़ोजित युवा किसान उद्यमी कार्यशाला में उस वक्त दिया, जब मंच पर मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह मौजूद थे. रमेश बैस ने कहा कि जब तक हम पाॅलिसी नहीं बदलेंगे, हालात नहीं सुधरेगा.
कार्यशाला में रमेश बैस ने कहा- हम देख रहे हैं कि गांव के गांव उजड़ रहे हैं. शहर बर्बाद हो रहा है. लोग गांवों में नहीं रहना चाहते, क्योंकि वहां मूलभूत सुविधाएं नहीं है. डाॅक्टर गांव इसलिए नहीं जाता, क्योंकि बच्चों के लिए अच्छे स्कूल नहीं है. आजादी के इतने सालों बाद भी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं हुआ है. एयर कंडीनशन में बैठने वाले आईएएस अधिकारी समर्थन मूल्य का लाॅजिक पूछा जाता है, तो जवाब नहीं मिलता. बैस ने कहा कि किसान जो उत्पाद तैयार करता है, उसे मार्केट नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि खेती में कोई भी गणित काम नहीं करता. फसल खड़ी है और बारिश नहीं हुई, तो उसका कोई मतलब नहीं. फसल कट के खलिहान में आ गई, लेकिन उसमें आग लग गई, तो किसानों को मुआवजा भी नहीं मिलता, बल्कि आग बुझाने के लिए बुलाए जानी वाली फायर ब्रिगेट की गाड़ी का खर्च भी उठाना पड़ता है. रमेश बैस ने कहा कि धीरे-धीरे सरकार पर आश्रित होने की मानसिकता बदलने की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए बैस ने कहा कि देश की जनता चाहे किसी भी वर्ग-धर्म की क्यों ना हो, हर किसी की आर्थिक स्थिति कैसे बेहतर हो सकती है, देश में संपन्नता कैसे आ सकती है. इन्हीं तमाम चीजों को लेकर मोदी 2025 का टारगेट लेकर चल रहे हैं.
भारतीय किसान संघ के दिनेश कुलकर्णी ने कहा ति उत्पादन के साथ प्रोसेसिंग की ठोस नीति भी बेहद जरूरी है. इसके लिए सरकार के सपोर्ट की भी जरूरत है. देश में 79 हजार करोड़ रुपये का एडिबल ऑयल का आयात किया जा रहा है. हमे इस दिशा में सोचने की जरूरत है. नीति में बदलाव लाने की जरूरत है. युवा किसान उद्यमियों को आरक्षण दिए जाने की जरूरत है. टाटा यदि दाल बेचे तो क्या इसकी जरूरत है. क्या देश का युवा दाल नहीं बेच सकता. सरकार को इसके लिए नीति बनाने की जरूरत है. कुलकर्णी ने कहा कि इस वक्त सरकारों को केवल माहौल बनाने की जरूरत है. देश का युवा आगे बढ़कर नतीजे देने को तैयार है.
पैडी प्राॅक्योरमेंट का सिस्टम बनाने वाले इकलौता राज्य है छत्तीसगढ़- डाॅ.रमन सिंह
युवा किसान उद्यमी कार्यशाला में मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने युवा उद्यमियों को संकल्प से सिद्धि की शपथ दिलाई. मुख्यमंत्री ने युवा किसानों को 2022 तक कृषि आय दोगुना करने, जैविक खेती अपनाने, एकीकृत कृषि प्रणाली लागू करने, नये भारत के निर्माण के लिए मन और कर्म से जुटने का संकल्प दिलाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में जागृति आई है. जो तस्वीर मुझे अभी दिख रही है, वह चमत्कृत करने वाली है. उन्होंने कहा कि आज मेरे पास इंजीयनियरिंग, मेडिकल काॅलेज में प्रवेश के लिए अनुशंसा करवाने कोई नहीं आता. बल्कि कृषि के क्षेत्र में बेहतर भविष्य बनाने वाले युवा आते हैं. यह एक ऐसा क्षेत्र है कि पढ़ाई के बाद युवाओं को शत-प्रतिशत जाॅब मिल जाता है. आज हालात ऐसे बन गए हैं कि युवा आईएएस, आईपीएस के साथ-साथ देश-विदेश से लाखों का पैकेज छोड़कर सुदूर इलाकों में जाकर खेती-किसानी करने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं सीएम बना तो प्रदेश में सहकारी बैंकों में कृषि ऋण 300 करोड़ रूपए का लिया जा रहा था, लेकिन आज ये आंकड़ा साढ़े तीन हजार करोड़ तक जा पहुंचा है. जल्द ही करीब छह हजार करोड़ पहुंच जाएगा. कृषि में अब किसान रूचि ले रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में हुई दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री की बैठक के दौरान लोगों ने मुझसे पैडी प्राॅक्योरमेंट को लेकर सवाल पूछा कि आखिर कैसे पूऱा धान सरकार खरीद लेती है. छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य हैं, जहां पैडी प्राॅक्योरमेंट सिस्टम तैयार किया गया है. किसी भी दूसरे राज्यों में ऐसा सिस्टम नहीं है, जहां सरकार सीधे किसानों से धान खरीदती हो. पंजाब में जरूर प्राॅक्योरमेंट सिस्टम तैयार किया गया है, लेकिन धान की खरीदी सीध एफसीआई करती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ाने 3 लाख 60 हजार जमीन के पट्टे बांटे गए. उनको भी अब सहकारी बैंकों से लोन मिल रहा है. दंतेवाड़ा, बीजापुर, सूरजपुर जैसे सुदूर अंचलों में भी किसान विज्ञान केंद्रों की मदद से उन्नत खेती की जा रही है. किसानों का फसल खराब ना हो और उनकी फसल का वाजिब हक मिल सके, लिहाजा सरकार फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की दिशा में काम कर रही है. जो इस क्षेत्र में लार्ज सेक्टर पर काम करना चाहते हैं, उनके लिए पाॅलिसी तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि दाढ़ी वाले रामदेव बाबा फूड प्रोसेसिंग प्लांट को लेकर 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे हम जल्द पूरा करेंगे.
कार्यशाला में पहुंचे किसानों ने मांगा हक, धान बोनस और समर्थन मूल्य देने के लगे नारे
युवा उद्यमी कार्यशाला में पहुंचे किसानों ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने और बोनस दिए जाने की मांग को लेकर आवाज बुंलद की. सभागार में खड़े होकर किसान नारेबाजी करते रहे. जैसे ही मुख्यमंत्री ने अपना भाषण खत्म किया, किसान समर्थन मूल्य और बोनस दो के नारे लगाने लगे. इधर बीजेपी संगठन और सरकारी सूत्र बताते हैं कि किसानों को बोनस दिए जाने के मुद्दे पर सरकार तैयार है, लेकिन केंद्रीय स्तर पर तकनीकी दिक्कतों के चलते इस पर फैसला फिलहाल पेडिंग में पड़ा हुआ है.