दिल्ली. कोटा के एक इंजीनियर सुजीत स्वामी को दो साल की लंबी लड़ाई के बाद आईआरसीटीसी ने कैंसिल टिकट के 33 रुपये आखिरकार लौटा दिए हैं। स्वामी ने अप्रैल 2017 में कोटा से दिल्ली तक के लिए 765 रुपये का टिकट बुक कराया था, जिसे उन्होंने रद्द कराया।

इसके लिए उन्हें 665 रुपये मिले, जबकि उन्हें 700 रुपये वापस मिलने चाहिए थे। बकाया 35 रुपये लेने के लिए स्वामी को दो साल तक आईआरसीटीसी से लड़ना पड़ा। स्वामी ने अप्रैल 2018 में लोक अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसका निस्तारण अदालत ने जनवरी 2019 में यह कहते हुए कर दिया यह उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता।

स्वामी ने बताया, ‘‘मैंने अपनी लड़ाई आरटीआई के जरिये जारी रखी। विभाग वाले मेरी आरटीआई को दिसम्बर 2018 से अप्रैल 2019 तक दस बार एक विभाग से दूसरे विभाग में भेजते रहे। आखिरकार चार मई 2019 को आईआरसीटीसी ने एक लंबी लड़ाई के बाद मेरे बैंक खाते में 33 रुपये डाल दिये। लंबी लड़ाई के कारण मुझे जो परेशानी झेलनी पड़ी उसकी क्षतिपूर्ति देने की बजाय आईआरसीटीसी ने दो रुपये रिफंड में से काट लिये।’’

उन्होंने बताया कि वे एक बार फिर से इस मामले को आगे बढ़ाएंगे क्योंकि आईआरसीटीसी ने एक पत्र में कहा था कि उनके व्यवसायिक सर्कुलर 49 के अनुसार उन्हें 35 रुपया वापस किया जायेगा। स्वामी ने अप्रैल, 2017 में गोल्डन टेंपल मेल का टिकट बुक किया था।

टिकट वेटिंग होने के कारण उन्होंने इसे कैंसल करा दिया। टिकट कैंसल कराने पर उनसे सर्विस टैक्स भी चार्ज किया गया, जबकि उन्होंने टिकट जीएसटी लागू होने से पहले ही कैंसल करा दिया था। यह टिकट 2 जुलाई की यात्रा के लिए बुक कराया गया था, जीएसटी 1 जुलाई से देश भर में लागू हुआ।