सत्यपाल सिंह राजपूत,रायपुर। राजधानी रायपुर में लल्लूराम डॉट कॉम की नेक पहल का असर देखा गया है. जिसकी वजह से एक गरीब परिवार की महिला मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हो सुरक्षित अपने घर पहुंची है.
गौरतलब हो कि राजधानी के वीवॉय अस्पताल में पानपत्री जगत नाम की महिला का इलाज चल रहा था पैसों की तंगी की वजह से परिवार वालों को इलाज बीच में ही रोकना पड़ा. लेकिन तब तक अस्पताल में 52 हजार रूपए के लगभग बिल पहुंच गया. बीमार मरीज की बेटी ने सामाजिक संस्थाओं से गुहार लगाई तो उसे वहां से 15 हजार रूपए ही मिल पाए.
हॉस्पिटल प्रबंधन ने जैसे-तैसे 8 हजार माफ करने की बात मरीज के बेटी से कही थी. परेशान बेटी की समस्या का समाधान बनकर पहुंची लल्लूराम की टीम ने प्रबंधन से बात की और बिल माफ करने की बात रखी. हॉस्पिटल प्रबंधन ने लल्लूराम की टीम की बात को समझते हुए मरीज को अस्पताल ने डिस्चार्ज कर दिया.
डॉक्टर जीतेन्द्र साहू ने बताया मरीज को ब्रेन स्ट्रोक, पैरालिसिस है, फिलहाल खतरे से बाहर है, अभी कम से कम 4 से 6 माह तक कोर्स पूरा करना पड़ेगा फिर जाकर हालात में सुधार होगा, साथ ही डॉक्टर ने बताया कि मरीज को दूसरी बार ब्रेन स्ट्रोक हुआ है इसलिए ज्यादा परेशानी हुई, हम डॉक्टर अपनी ओर से 8 हजार डिस्कॉउट दिए थे कुछ समाजिक संस्था ने मद्द की थी और मरीज का कोई भी हेल्थ कार्ड नहीं है.लेकिन जब लल्लूराम की टीम ने प्रबंधन से बात की तो मरीज को स्थिति को देखते डिस्चार्ज कर दिया गया.
कोटा की रहने वाली महिला मरीज पानपत्री जगत और उनकी बेटी सकुन जगत ने लल्लूराम डॉट कॉम को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यशवंत हॉस्पीटल में इलाज के लिए भर्ती कराए थे लेकिन तीन दिन में 36 हजार का बिल बना और बचना मुशकिल है बोलकर डॉक्टरो ने अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया. लेकिन उसके बाद ततीयत बिगड़ने पर वीवॉय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 52 हजार का बिल डॉक्टरों ने थमा दिया.
आशाएं संस्था से 15 हजार रूपए की मदद मिली और जब लल्लूराम की टीम आई तो मेरे मां को डिस्चार्ज किया गया.आपको बता दें कि मरीज के परिवार गरीबी से तंग है, कमाने वाले उसकी मां बीमार है उनके दो बेटी जो अभी छोटी है. उन्हें अभी भी मदद की जरूरत है.