मुंबई. कल्पना करिए एक महिला कितने बच्चों को जन्म दे सकती है. 10, 12, 14 लेकिन हम आपको 39 साल की एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने 10-12 नहीं बल्कि 44 बच्चे जन्म दिए हैं, और इनमें से 40 जिंदा हैं. और इन सब बच्चों का पालन-पोषण पति के छोड़ जाने के बाद अकेले कर रही है.

हम बात कर रहे हैं अफ्रीकी देश युगांडा की राजधानी कंपाला के पास के गांव में रहने वाली 39 साल की मरियम नाबातांजी की, जिसने 44 बच्चों को जन्म दिया है. आंकड़े देखकर आप नौ महीनों का हिसाब मत लगाइए. महिला ने 5 बार जुड़वा बच्चे, 4 बार तीन-तीन बच्चे और 5 बार चार-चार बच्चे जन्म दिए हैं. ऐसा नहीं है कि महज 13 साल की उम्र में शादी के बंधन में बंधी मरियम ने नसबंदी के लिए कोशिश नहीं की हो. नसबंदी के लिए डॉक्टर के पास गई, लेकिन डॉक्टरों ने नसबंदी करने से मना कर दिया, क्योंकि मरियम के शरीर में अंडाणु बहुत है. डॉक्टरों ने मरियम को बताया कि नसबंदी कराने का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव होगा.

मरियम के पति ने तीन साल पहले उसे छोड़ दिया था, उसके बाद अकेले बच्चों से भरे-पूरे परिवार की गाड़ी अकेले खींच रही मरियम आर्थिक परेशानियों के बावजूद अपने बच्चों को बोझ नहीं मानती. मरियम कहती है कि जब 1993 में उसकी शादी 40 वर्ष के आदमी से हुई तब वह यह तय करने की हालत में नहीं थी कि उसे कितने बच्चे चाहिए. तब वह खुद बच्ची हुआ करती थी. ढाई साल पहले नाबातांजी की आखिरी प्रेग्नेंसी में कई जटिलताएं थी, ये उसके 6वें जुड़वा थे. जन्म के समय एक बच्चे की मौत हो गई थी. इसी दौरान लंबे वक्त के लिए समय-समय पर गायब हो जाना वाला उसका पति हमेशा के लिए छोड़कर चला गया. अब अब अपने पति का जिक्र करते समय कड़ुवाहट से भर जाती है.

वह बताती है कि मैने अपने पति की वजह से बहुत कष्ट के बिताए हैं. मेरा पति बहुत हिंसक था और मौका मिलने पर मुझे पीटता था. वह बताती है कि उसके पति के पहले के रिश्ते से भी बच्चे थे, और उसे उनकी मां के तौर पर देखभाल करनी पड़ती थी, क्योंकि उनकी माएं उनसे अलग थीं. बच्चों की परवरिश में वैसा भी पति का कोई योगदान नहीं था, सिवाय बच्चों का नाम रखने में, वह भी कई फोन पर होता था. अब जब पति साथ नहीं है तो उसे बस एक चीज से दुख होता है कि उसके बच्चे बिना पिता के साये के पल रहे हैं.

बता दें कि युगांडा में हर महिला करीब 5 बच्चों को जन्म देती है जो कि वैश्विक औसत का दोगुना है, लेकिन युगांडा में भी नाबातांजी का परिवार उन्हें बिल्कुल अलग कतार में खड़ा कर देता है. उसका सबसे बड़ा बेटा इवान किबुका 23 साल का है, और उसने 13 साल की उम्र के बाद से अपने पिता को नहीं देखा है. इवान किबुका मां की परेशानी को समझते हुए कहता है कि काम की वजह से वह थक चुकी है, वह हमेशा भावुक हो जाती है. हम जहां मदद कर सकते हैं, उनकी मदद करते हैं, लेकिन इसके बाद भी उनके ऊपर परिवार का बहुत बड़ा बोझ है.

मरियम कहती है कि मैंने कम उम्र में ही बड़ों की जिम्मेदारियां उठाना शुरू कर दी थी. मुझे लगता है कि मैं जब से पैदा हुई, कभी खुशी महसूस नहीं कर पाई. अब उसकी सबसे बड़ी ख्वाहिश है कि उनके बच्चे खुशहाल जिंदगी जिएं.