विकास कुमार/सहरसा।
बिहार की जीवनरेखा कही जाने वाली कोसी नदी ने एक बार फिर अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। सहरसा जिले के महिषी प्रखंड क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध बाबा कारू खिरहर मंदिर को नदी के कटाव से बचाने के लिए करोड़ों की लागत से बनाई गई सीढ़ी घाट, कोसी के जलस्तर में वृद्धि के साथ ही ध्वस्त हो गई है।

सीढ़ी का कराया था निर्माण

कोसी प्रोजेक्ट के तहत बाबा कारू खिरहर मंदिर के पीछे नदी की दिशा में एक मजबूत सीढ़ी घाट का निर्माण कराया गया था, जिसका उद्देश्य मंदिर को कोसी के तीव्र कटाव से सुरक्षित रखना था। लेकिन नदी के जलस्तर में मामूली वृद्धि के साथ ही यह संरचना कई जगह से टूट चुकी है।

निर्माण में अनदेखी

स्थानीय पुजारियों और ग्रामीणों के अनुसार, इस मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा को देखते हुए घाट निर्माण का कार्य बेहद महत्वपूर्ण था, लेकिन निर्माण में गुणवत्ता की भारी अनदेखी की गई।

लोगों का आरोप

स्थानीय लोगों और मंदिर समिति का आरोप है कि निर्माण कार्य में भारी लापरवाही बरती गई। निर्माण के कुछ ही महीनों बाद घाट का टूट जाना यह दर्शाता है कि कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। लोगों ने ठेकेदार और संबंधित विभाग पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

खतरे में घाट

पुजारी मिथिलेश खिरहर
ने कहा कि कोसी की धारा तेज होने लगी है, और अब घाट टूटने लगा है। करोड़ों की लागत से बना ये घाट अब खतरे में है। हमने कई बार ध्यान दिलाया था कि काम सही नहीं हो रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुना।

टूट गई सीढ़ी

पुजारी श्यामदेव खिरहर ने कहा कि ये मंदिर बहुत पुराना है। लोगों की आस्था जुड़ी है। अब जब सीढ़ी टूट गई है, तो श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।