नई दिल्ली- डीकेएस अस्पताल में फर्जीवाड़ा केस में अभियुक्त बनाये गये पुनीत गुप्ता को दिए गए अंतरिम बेल के विरुद्ध आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान आज न्यायाधीश आनंद भूषण एवम् न्यायधीश थॉमस की डबल बेंच में शासन के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की, जिसके दौरान न्यायलय ने यह माना कि बेल किसी ठोस कारण के बिना दिया गया है जबकि मामला ६४ करोड़ के गबन संबंधित है. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर अभियुक्त को यह पूछा है कि अंतरिम  बेल को क्यो न निरस्त किया जाए?
राज्य शासन के अतिरिक्त महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा किये गये अपील पर आज सुनवाई शुरु हुई और सुप्रीम कोर्ट ने बहस के बाद माना कि पुनीत गुप्ता को बिना किसी ठोस कारण के अग्रिम जमानत दी गई है. वर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पुनीत गुप्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और कहा है कि क्यों न आपको दी गई अग्रिम जमानत को निरस्त कर दिया जाये. अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई माह में होगी.
गौरतलब है कि डीकेएस हॉस्पिटल में 64 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में तात्कालीन अस्पताल अधीक्षक डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मामला दर्ज होने के बाद ही पुनीत गुप्ता फरार चल रहे थे और उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर पुनीत गुप्ता को राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी थी,जिसके खिलाफ राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.