रायपुर- लल्लूराम डाॅट काॅम आज एक दिलचस्प तस्वीर आपके लिए लेकर आया है. दिलचस्प इस लिहाज से क्योंकि इसके सियासी मायने भी निकाले जा सकते हैं. दरअसल हुआ यूं कि राजधानी के इंडोर स्टेडियम में अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के आला नेता शहर के एक नामचीन रेस्टोरेंट में नजर आए. मंजू ममता नाम के रेस्टोरेंट में पहुंचने वालों में बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, संगठन मंत्री पवन साय और प्रदेश महामंत्री संतोष पांडेय शामिल थे.
चर्चा है कि तकरीबन दो घंटे तक तमाम आला नेता रेस्टोरेंट में बैठे रहे. इस बीच उनके बीच किन मुद्दों पर लेकर चर्चा हुई फिलहाल इसका ब्यौरा सामने नहीं आया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि संगठनात्मक मुद्दों और ताजा सियासी हालात पर अहम चर्चाएं हुई है. छत्तीसगढ़ बीजेपी के भीतर इन दिनों सियासी उठापठक के हालात है. बीजेपी सरकार के मंत्रियों पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. मोदी-शाह की जोड़ी की तीखी नजर प्रदेश की सत्ता और संगठन पर लगातार बनी हुई है. समय-समय पर अहम निर्देश भी केंद्रीय नेताओं की ओऱ से सामने आते रहते हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद की खबरें भी आती रहती हैं.
संगठन के जानकार बताते हैं कि बीते एक दशक में पार्टी की ऐसी स्थिति कभी नहीं थी. प्रदेश संगठन के शीर्षस्थ चेहरों के बीच कभी इतनी दरारें नहीं पड़ी थी, जितनी अब पड़ती नजर आ रही है. इन्हीं तमाम मुद्दों को लेकर पार्टी के मुख्य रणनीतिकार चिंतित हैं, लिहाजा एक धड़े की कोशिश सामंजस्य बनाने की है. इधर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिए गए टारगेट 65 यानी 65 सीटें जीतने के बड़े लक्ष्य को साधने के लिए संगठन के तमाम धड़ों को एक छत के नीचे लाना भी बेहद जरूरी है और इसकी जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के हिस्से हैं, लिहाजा कौशिक की कोशिश लगातार जारी है.
हालांकि मंजू ममता रेस्टोरेंट में तकरीबन दो घंटे बिताने के बाद बाहर निकले नेताओं ने कहा कि यह एक सामान्य बात है कि नेता यहां एकजुट हुए हैं. नेताओं ने कहा कि गुपचुप खाने की इच्छा हुई थी, लिहाजा यहां आना ही मुनासिब समझा. इस बीच बताया जा रहा है कि रेस्टोरेंट में नेताओं की बैठने की अलग से व्यवस्था की गई थी. रेस्टोरेंट संचालक के केबिन में तमाम नेतागण बैठे थे, जहां जाने की अनुमति सिवाय वेटर के किसी की भी नहीं थी.
राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय ने कहा कि- करीब 17 साल बाद वह मंजू ममता रेस्टोरेंट में आई हैं. उन्होंने कहा कि जब वह दुर्ग की महापौर थी औऱ रायपुर में अपने पार्षदों के साथ यदा-कदा आना होता था, तो मंजू ममता ही उनकी पसंदीदा जगहों में शामिल था, जहां सभी एकजुट होकर खाना खाया करते थे. पुरानी यादें ताजा करती सरोज पांडेय कहती हैं कि उस दौर में जोगी की सरकार थी. बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद रेस्टोरेंट में ही कई मुद्दों पर बहस करते थे. हमारी आवाजें इतनी तेज होती, कि पता ही नहीं चलता कि रेस्टोरेंट में और भी लोग मौजूद हैं.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि उस दौर में रायपुर में कम ही रेस्टोरेंट हुआ करते थे. जब हम पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय जाते थे, तो यहां आना भी रूटिन का हिस्सा था.
बहरहाल रेस्टोरेंट आने की वजह भले ही नेताओं ने सामान्य बताई हो, लेकिन सियासी गलियारों में इसे असामान्य चर्चा होना बताया जा रहा है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि एक दिन पहले ही बीजेपी प्रदेश कार्यालय में हुई प्रदेश पदाधिकारियों और कोरग्रुप की बैठक में तमाम नेताओं के बीच रायशुमारी हो चुकी थी. ऐसे में चुनिदा नेताओं की अलग से चर्चा हुई है, तो सियासतदार हैं, सवाल तो उठेंगे ही.