कौन-कौन से देश मंगवाते हैं ईरान से तेल? जंग हारा तो कितना होगा नुकसान?

ईरान और इजराइल की जंग में जब से अमेरिका कूदा है, तब से युद्ध तो बढ़ा ही है, साथ ही सीथ कच्चे तेल की कीमतों में भी आग लग गई है.

कच्चे तेल की कीमत अह 81 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई है.

हालांकि अभी भारत के लोगों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि यहां पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव देखने को नहीं मिला है.

अमेरिका ने जब से ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है, ऐसे में ईरान के पास उसका सबसे बड़ा हथियार होमुर्ज स्ट्रेट यानि समुद्री गलियारा है.

अगर ईरान ने इसे बंद कर दिया तो सऊदी अरब और यूएई समेत सभी खाड़ी देश कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए त्रस्त हो जाएंगे.

भारत के अलावा चीन, अमेरिका, इराक, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, यमन, कुवैत, यूएई, वेनेजुएला जैसे देश शामिल हैं.

रिपोर्ट की मानें तो चीन न रोजाना करीब 18 लाख बैरल ईरानी कच्चा तेल खरीदा था.

अगर भारत की बात की जाए तो हम अभी ईरान, सऊदी अरब और यूएई समेत अन्य खाड़ी देशों के करीब 40 फीसदी कच्चा तेल आयात करते हैं.

दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, जो अपनी जरूरत के हिसाब से करीब 90 फीसदी तेल दूसरे देशों से ही मंगवाता है.

अगर होर्मुज बंद हुआ तो चीन और ईरान दोनों को तगड़ा नुकसान पहुंचेगा.