ॐ सिर्फ एक ध्वनि नहीं, बल्कि ब्रह्मांड की ऊर्जा से जुड़ी वह शक्ति है जो तन, मन और आत्मा को संतुलित करती है. विज्ञान भी अब यह मानने लगा है कि ‘ॐ’ का उच्चारण शरीर और मस्तिष्क पर गहरा सकारात्मक प्रभाव डालता है. सुबह-सुबह 5 से 10 मिनट ‘ॐ’ का उच्चारण करने से दिनभर सकारात्मकता बनी रहती है. इसे योग, प्राणायाम या ध्यान के साथ जोड़ा जाए तो लाभ और भी गहरा होता है.

स्वास्थ्य लाभ
जब हम ‘ॐ’ का उच्चारण करते हैं, तो कंपन का प्रभाव दिल की धड़कनों को नियमित करता है, ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाता है. मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है.
मानसिक और आध्यात्मिक शांति
ॐ chanting के दौरान मस्तिष्क में अल्फा वेव्स उत्पन्न होती हैं, जो गहरी ध्यान की अवस्था से जुड़ी होती हैं. यह चिंता, अनिद्रा और मानसिक थकान को कम करता है.
तांत्रिक दृष्टिकोण से अभी महत्वपूर्ण
तंत्र साधनाओं में ‘ॐ’ को बीज-मंत्र के रूप में प्रयोग किया जाता है. माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और आभामंडल को शुद्ध करता है.
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