चंद्रकांत/बक्सर: पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख स्टेशनों में शामिल बक्सर रेलवे स्टेशन बदहाल स्थिति का शिकार ह,. जहां एक ओर यहां प्रतिदिन 75 जोड़ी ट्रेनें गुजरती हैं. वहीं, दूसरी ओर यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं हैं. स्टेशन पर स्टाफ की भारी कमी, गंदगी, असामाजिक तत्वों की मौजूदगी और चिकित्सा सुविधा का अभाव रोज यात्रियों को परेशान कर रहा है. 

धरातल पर नहीं शुरू हो सका काम

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण शर्मा का कहना है कि बक्सर रेलवे स्टेशन का विकास नेताओं के लिए केवल एक चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं की बातें जरूर होती हैं, लेकिन धरातल पर आज तक कोई काम शुरू नहीं हो सका है.

खस्ताहाल स्थिति पर उठाया सवाल 

शिवपुरी के रहने वाले कौशलेंद्र ओझा ने हाल ही में एक्स (पूर्व ट्विटर) के माध्यम से रेल मंत्रालय और दानापुर मंडल को टैग करते हुए स्टेशन की खस्ताहाल स्थिति पर सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि स्टेशन पर स्टेशन प्रबंधक सहित 9 स्टेशन मास्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 4 ही कार्यरत हैं. वहीं कम महत्त्वपूर्ण कुल्हड़िया स्टेशन पर 8 और आरा पर 9 स्टेशन मास्टर काम कर रहे हैं.

बेहद खराब है सफाई व्यवस्था 

स्टेशन की सफाई व्यवस्था बेहद खराब है. प्लेटफॉर्म नंबर 2 और 3 पर शौचालय की कमी के कारण यात्री खुले में शौच करते हैं, जबकि प्लेटफॉर्म नंबर 1 के कोनों पर मूत्र त्याग की घटनाएं आम हैं. यात्रियों के लिए पर्याप्त कुर्सियां, पंखे और शेड तक उपलब्ध नहीं हैं.

डर जाते हैं यात्री

स्टेशन के बाहर ई-रिक्शा और ऑटो का इतना अतिक्रमण रहता है कि यात्रियों को ट्रेन तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी पैदल चलना पड़ता है. रात्रि 9 बजे ‘रोटी बैंक’ की ओर से चल रहे सामाजिक कार्यों के समय भीड़-भाड़ और असामाजिक तत्वों की मौजूदगी से यात्री असहज हो जाते हैं.

स्वास्थ्य सुविधा भी है अधूरी 

बक्सर जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले स्टेशन पर स्वास्थ्य सुविधा भी अधूरी है. मुगलसराय से दानापुर के बीच करीब 200 किलोमीटर के क्षेत्र में बक्सर एकमात्र ऐसा स्टेशन है, जहां केवल एक चिकित्सक के भरोसे एक अधूरा चिकित्सा केंद्र संचालित हो रहा है.

400 करोड़ रुपये की बनाई गई थी योजना 

वर्षों पहले बक्सर स्टेशन के पुनर्विकास के लिए 400 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी. दावा किया गया था कि यहां एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. कई बार अधिकारियों ने निरीक्षण कर इसे जल्द शुरू करने की बात कही, लेकिन यह योजना आज तक मंत्रालय की फाइलों में ही अटकी हुई है. स्थानीय लोगों की मांग है कि रेल प्रशासन बक्सर स्टेशन की अनदेखी बंद करे और उसे सुविधायुक्त स्टेशन के रूप में विकसित करे, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके और जिले की प्रतिष्ठा भी बढ़े.

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