दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राजधानी के विभिन्न स्थानों पर क्लीन एयर जोन(Clean Air Zone) स्थापित किए जाएंगे. इस दिशा में अध्ययन जारी है, जिसमें नेहरू पार्क को 85 एकड़ के क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है. यहां 150 अत्याधुनिक एयर प्यूरिफायर लगाने की योजना पर विचार किया जा रहा है, जिन्हें पहले बस अड्डों और पेट्रोल पंपों जैसे स्थानों पर परीक्षण किया गया है. यह जानकारी पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने साझा की.

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रविवार को पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा के साथ नेहरू पार्क का निरीक्षण किया. सिरसा ने बताया कि इस तकनीक ने सीमित स्तर पर सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं, इसलिए सरकार यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या यह बड़े क्षेत्रों में भी प्रभावी हो सकती है. उन्होंने जानकारी दी कि प्रत्येक प्रस्तावित मशीन लगभग 9 फीट ऊँची है और इसमें एडवांस्ड फिल्ट्रेशन तकनीक का उपयोग किया जाता है, जो हवा से हानिकारक पीएम 2.5 कणों को निकालने में सक्षम है.

सिरसा ने जानकारी दी कि यदि यह योजना सफल और व्यावहारिक सिद्ध होती है, तो कनॉट प्लेस, खान मार्केट और अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार के जोन स्थापित करने पर विचार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं का कार्यान्वयन कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत किया जाएगा. वहीं, प्रवेश वर्मा ने कहा कि यह प्रस्ताव दिल्ली सरकार के पर्यावरण एक्शन प्लान 2025 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें लंबे समय से लंबित आर्टिफिशियल रेन परियोजना को पुनर्जीवित करना, नियमित मशीनी सफाई, जल का छिड़काव, निर्माण स्थलों पर नियमों का कड़ाई से पालन और एंटी-स्मॉग गन की स्थापना शामिल है.

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पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, जो क्षेत्र के विधायक भी हैं, ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार राजधानी के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है. उन्होंने दिल्ली की सड़क अवसंरचना के विकास और मरम्मत के लिए ₹1,000 करोड़ की सहायता की घोषणा की है. यह पहल दिल्ली सरकार के एनवायरनमेंट एक्शन प्लान 2025 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें लंबे समय से लंबित आर्टिफिशियल रेन परियोजना को पुनर्जीवित करना, नियमित मशीनी सफाई, जल का छिड़काव, निर्माण स्थलों पर नियमों का कड़ाई से पालन और एंटी-स्मॉग गन की स्थापना शामिल है. इसके अलावा, गाजीपुर, भलस्वा और ओखला में लैंडफिल बायो-माइनिंग का कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे वहां के कूड़े के पहाड़ों को स्थायी रूप से समाप्त किया जा सके.

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शहर में पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की समस्या से निपटने के लिए प्रवेश बिंदुओं पर ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान) कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं, जो पूरे वर्ष GRAP नियमों के अनुपालन में सहायक होंगे. सिरसा ने बताया कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, प्रतिबद्धता और निरंतर प्रयास आवश्यक हैं. इसलिए, पहले इस मॉडल का अध्ययन किया जाएगा, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा. यदि यह अध्ययन सफल होता है, तो नेहरू पार्क में स्थापित यह ‘क्लीन एयर ज़ोन’ दिल्ली के अन्य शहरी क्षेत्रों जैसे पार्क, स्कूल, बाजार और आवासीय इलाकों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक नई मिसाल पेश कर सकता है.