सत्या राजपूत रायपुर। पिछले साल डी.के.एस अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉक्टर पुनीत गुप्ता ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के शिक्षित बेरोज़गार युवाओं के लिए रोजगार देने के  विज्ञापन जारी किया था. जिसमें  प्रदेश के हज़ारों युवाओ को श्रेणी अनुसार 300 से लेकर 350 रुपए तक डी.के.एस के नाम पर बैंक ड्राफ़्ट एवं योग्यतानुसार रोज़गार देने के नाम पर करोड़ों तक वसूले लिए गए.

 

29.11.2017 के विज्ञापन भर्ती सूचना में जमा किए गए फ़ार्म एवं सम्मलित को बिना सूचित किए 16 अगस्त 2018 में गुप्त रूप से भर्ती लिया गया. 2017 में जमा किए गए युवाओं को कोई सूचना नहीं दी गई.16 अगस्त में विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिना जॉयनिंग   फ़र्ज़ी तरीके से भर्ती कर ली गई . जिसमें विज्ञापन अनुसार 18665 रुपए बताकर 10800 दिया गया वो भी समय पर  वेतन नहीं दिया गया. बिना नर्सिंग काउंसिल रजिस्टर नर्सिंग स्टाफ़ को लिया गया.

 

विज्ञापन 1/1/2018 अख़बार के माध्यम से जवाब के सूचनानुसार बयान मे डॉक्टर पुनीत गुप्ता अनुसार कहा गया स्टाफ़ नर्स के पद के लिए नवंबर 2017 में आवेदन मंगाए गए थे वाक् इन इंटरव्यू में उम्मीद से ज़्यादा आवेदक लेना संभव नहीं था इसके लिए परीक्षा ली जाएगी बोल कर नकारा गया एवं कोई सूचना नहीं दी गई जिसमें फ़र्ज़ी भर्ती एवं भर्ती के नाम पर प्रदेश के हज़ारों बेरोज़गारों से लाखों ,करोड़ो रुपय तक लिए गए.

छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य नर्सिंग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय त्रिपाठी ने बताया कि पीड़ित बेरोज़गारों की भर्ती पत्र क्र/1527/डी.के.एस के तहत संविदा भर्ती नहीं ली गई. गोलबाज़ार थाने में पीड़ित युवा प्रदूमन सिन्हा, कौशल गंजिए, अजय त्रिपाठी, दीपक मिश्रा ने जांच कर कार्यवाही की मांग की है.