Small Savings Schemes: सरकार ने एक बार फिर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यह लगातार छठी तिमाही है जब सरकार ने ब्याज दरों को यथावत रखा है. वित्त मंत्रालय ने सोमवार रात एक अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया कि जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2FY26) के लिए पीपीएफ, एनएससी, केवीपी जैसी योजनाओं पर पुरानी ब्याज दरें ही लागू रहेंगी.
Also Read This: अमेरिका बन रहा है भारत का नया ATM: आखिर कौन भेज रहा है भारत को अरबों डॉलर? जानिए वो सच्चाई, जिसने सबको चौंका दिया!

Small Savings Schemes
दिसंबर 2023 के बाद नहीं हुआ कोई बदलाव (Small Savings Schemes)
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में आखिरी बार दिसंबर 2023 में संशोधन किया गया था. तब से अब तक हर तिमाही समीक्षा तो हुई है, लेकिन किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया. इस स्थिरता ने निवेशकों के बीच दो तरह की राय बना दी है—क्या यह सरकारी स्थायित्व का संकेत है या कोई बड़ा वित्तीय फैसला भविष्य के लिए टाला गया है?
अभी किन योजनाओं पर कितना ब्याज मिल रहा है? (Small Savings Schemes)
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): 7.1%
- सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): 8.2%
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS): 8.2%
- नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC): 7.7%
- किसान विकास पत्र (KVP): 7.5% (115 महीनों में राशि दोगुनी)
- पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम: 7.4%
Also Read This: इस जुलाई बैंकिंग सिस्टम रहेगा सुस्त! लगातार 3-3 दिन बैंक बंद, 13 दिनों तक बढ़ेगी परेशानी
हर तिमाही होती है समीक्षा (Small Savings Schemes)
ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन महीने में की जाती है. इसका आधार होता है सरकारी बॉन्ड्स की यील्ड. दरअसल, श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिश के अनुसार, स्मॉल सेविंग स्कीम्स की दरें उन्हीं सरकारी बॉन्ड्स से 0.25% से 1.00% अधिक होनी चाहिए, जिनकी मैच्योरिटी अवधि समान होती है.
बड़ी संख्या में निवेशक जुड़े हैं (Small Savings Schemes)
भारत में कुल 12 स्मॉल सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स हैं, जिन्हें मध्यम और निम्न आय वर्ग की प्रमुख बचत योजनाएं माना जाता है. ये योजनाएं पोस्ट ऑफिस नेटवर्क और बैंक शाखाओं के ज़रिए उपलब्ध हैं, और इनका संकलन नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (NSSF) में होता है.
Also Read This: ट्रंप-मस्क में ऐलान-ए-जंगः Elon Musk ने ‘खुली चुनौती’ दी तो आगबबूला हुए अमेरिकी राष्ट्रपति, कहा- ‘तुम्हारी दुकान बंद करनी पड़ेगी…,’
देश के राजकोषीय घाटे की भरपाई में सहायक (Small Savings Schemes)
सरकार इन फंड्स का उपयोग वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) कम करने में करती है. यानी, इन योजनाओं में जितना अधिक निवेश होगा, सरकार को उतना ही कम उधार लेना पड़ेगा. ब्याज दरों को स्थिर रखकर सरकार एक भरोसेमंद और स्थायी निवेश माहौल बनाए रखने का प्रयास कर रही है.
क्या आने वाला है कोई बड़ा बदलाव? (Small Savings Schemes)
विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार छह तिमाहियों से दरों में कोई बदलाव न होना, जहां एक ओर स्थायित्व का संकेत है, वहीं यह भी संभव है कि सरकार निकट भविष्य में योजनाओं की संरचना में कोई बड़ा बदलाव करने जा रही हो. जैसे कि:
- ब्याज दर तय करने की नई पॉलिसी
- टैक्स बेनिफिट्स में संशोधन
- योजनाओं का री-क्लासिफिकेशन आदि
Also Read This: PM मोदी 5 देशों की विदेश यात्रा पर कल से, लेकिन चर्चा में आ गई ये कुर्सी, जिस पर लिखा है INDIA का नाम, आखिर क्या है इसका राज?
स्मॉल सेविंग स्कीम्स: श्रेणियों के अनुसार वर्गीकरण (Small Savings Schemes)
श्रेणी | योजनाएं |
---|---|
पोस्टल डिपॉजिट्स | सेविंग अकाउंट, टाइम डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट, मंथली इनकम स्कीम |
सेविंग सर्टिफिकेट्स | नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP) |
सोशल सिक्योरिटी | सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) |
निवेशकों के लिए क्या संकेत हैं? (Small Savings Schemes)
- ब्याज दरें स्थिर रहने से मौजूदा निवेशकों को राहत जरूर मिली है.
- लेकिन नई दरों की उम्मीद करने वालों को अभी और इंतजार करना होगा.
- यदि आपका निवेश लंबी अवधि का है, तो ये योजनाएं आज भी सुरक्षित और टैक्स लाभ के लिहाज़ से फायदेमंद बनी हुई हैं.
Also Read This: BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तेजस्वी यादव को मौलाना बताकर साधा निशाना, कहा- ‘PM मोदी जाएंगे बिहार, शरिया समर्थक पाकिस्तान जा सकते हैं..’
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें