लक्षिका साहू, रायपुर. राजधानी रायपुर से लगे ग्राम दोंदेखुर्द के ग्रामीणों ने गांव में शराब दुकान खोलने का विरोध करते हुए सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महिलाओं ने अंबेडकर चौक पर तख्ती लेकर प्रदर्शन किया और सरकार से पूछा कि क्या शराब दुकान खोलने से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का उद्देश्य पूरा हो पाएगा. शराब दुकान खोलने के निर्णय को वापस नहीं लेने पर चक्काजाम और विधानसभा घेराव की चेतावनी भी दी.
लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि शराब दुकान जबरदस्ती लोगों पर थोपा जा रहा है. आसपास के छपोरा, लालपुर, सेमरिया, मटिया, दोन्दे कला सहित कई गांव है, जिन्होंने शराब दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद सरपंच अशोक साहू की सहमति के साथ दोंदेखुर्द में शराब दुकान खोला जा रहा है. गांव वाले इस बात से चिंतित हैं कि आने वाली पीढ़ी को कैसे बचाया जाए. सरकार और प्रशासन ही शराब सेवन पर जोर दे रहा है. शराब से बच्चों का भविष्य तो बर्बाद होगा, साथ ही महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा भी बढ़ेगा.


2013 में ग्रामीणों ने बंद कराई थी गांव की शराब दुकान
ग्रामीण गीता गुप्ता ने बताया कि साल 2013 में संघर्ष समिति का गठन कर गांव से शराब दुकान बंद कराया गया था. इसके बाद लगातार अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ भी गांव वालों ने मोर्चा खोला. पंचायत स्तर पर शराब पीकर हुज्जड़बाजी करने वालों पर करवाई कराई जाती रही है. तब से आज तक गांव शराब मुक्त है, लेकिन शासन की ये कैसी नीति है कि जिस गांव ने खुद शराब मुक्ति की जिम्मेदारी ली उसे फिर नशे में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है.
अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर ग्रामीणों ने दी चेतावनी
अम्बेडकर चौक में प्रदर्शन की जानकारी मिलतने के बाद प्रशासन के अधिकारी उमाशंकर बांदे मौके पर पहुंचे, जिन्हें ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी कि यदि शराब दुकान खोलने के निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो चक्काजाम किया जाएगा. साथ ही विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा.
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