सत्या राजपूत, रायपुर. नगर निगम रायपुर मुख्यालय का हाल बेहाल है. जिस जगह पर लोग अपनी समस्याएं लेकर न्याय और समाधान की उम्मीद में पहुंच रहे वहीं से अब लोग नाक-मुंह ढक कर उल्टे पांव लौट रहे हैं. बात महापौर के चैंबर के बाहर की हो रही है, जहां हालात इतने खराब हैं कि वहां खड़ा रहना मुश्किल हो गया है. महापौर चैंबर के सामने के वाशरूम के दुर्गंध से लोग परेशान हैं और सवाल उठा रहे कि महापौर के चैंबर के सामने इस तरह का हाल है तो शहर का क्या हाल होगा.
बता दें कि हाल ही में महापौर मीनल चौबे अपनी टीम के साथ इंदौर के सफाई मॉडल को देखने गए थे, ताकि रायपुर को भी स्वच्छता में नंबर वन बनाया जा सके, लेकिन निगम मुख्यालय में ही साफ-सफाई ठीक से नहीं हो पा रही है.

दो दिनों से दफ्तर में बंद है पानी की सप्लाई
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम मौके पर पहुंची तो असली कारण सामने आया. जब हमारी टीम ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की तो पता चला कि पिछले दो दिनों से दफ्तर में पानी की सप्लाई बंद है. वाशरूम में पानी न पहुंचने की वजह से गंदगी जमा हो गई है और उससे पूरी बिल्डिंग में बदबू फैल गई है.

लाखों के सफाई टेंडर के बावजूद बदहाल हालात
नगर निगम की तरफ से सफाई और पानी सप्लाई के लिए लाखों रुपए के टेंडर होते हैं, फिर भी ये हालात निगम की लापरवाही और जिम्मेदारों की अनदेखी को उजागर कर रहे हैं. लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब महापौर के दफ्तर के बाहर यह स्थिति है तो शहर के अन्य सार्वजनिक शौचालयों की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
जोन-4 की जिम्मेदारी, लेकिन कमिश्नर फोन तक नहीं उठा रहे
नगर निगम व्हाइट हाउस की सफाई और जल आपूर्ति की जिम्मेदारी जोन क्रमांक 4 के पास है. जब इस मामले में जोन कमिश्नर अरुण कुमार ध्रुव से बात करने के लिए कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. अब देखना होगा कि जिम्मेदार कब तक इस पर ध्यान देते हैं और कब लोगों को राहत मिलेगी. वरना ‘स्वच्छ रायपुर’ का सपना सिर्फ पोस्टर और स्लोगन तक ही सिमट कर रह जाएगा.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें