प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई एक चीनी नागरिक और अन्य व्यक्तियों द्वारा की गई 900 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत की गई है. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है.

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सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में ज़िन्दाई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (Xindai Technologies Pvt Ltd) से जुड़े पांच स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. इस कंपनी पर आरोप है कि उसने निवेश के नाम पर आम जनता को धोखा दिया और फिर पैसे की लॉन्ड्रिंग के लिए पूरे पैसे बदलने वाले (FFMC) का सहारा लिया. जानकारी के मुताबिक, इस मामले में एक चीनी नागरिक और कुछ अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है, जिसमें अनुमानित रूप से अपराध से प्राप्त राशि लगभग 903 करोड़ रुपये है.

कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली में जिन ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, वे ज़िन्दाई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित हैं. इस कंपनी के पांच स्थानों पर तलाशी ली गई है, जिसके खिलाफ ईडी में शिकायत दर्ज की गई है कि इसने निवेश के नाम पर आम लोगों को धोखा दिया. इसके बाद, कंपनी ने धन को बदलने वाले वित्तीय संस्थानों का उपयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग की. इस मामले में एक चीनी नागरिक और कुछ अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है, और अनुमान है कि इसमें 903 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शामिल है.

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स्टॉक ट्रेडिंग स्कैम का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक बड़े ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग धोखाधड़ी गिरोह का खुलासा किया है. इस मामले में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी ट्रेडिंग ऐप और व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से निवेशकों को पैसे बढ़ाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की.

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दिल्ली पुलिस को एक शिकायतकर्ता से 8.50 लाख रुपए की ठगी की रिपोर्ट मिली थी. जांच के दौरान यह सामने आया कि आरोपियों ने 10 करोड़ से अधिक का लेनदेन किया है. दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रकार के साइबर अपराध की कई शिकायतें दर्ज की गई हैं. इससे पहले, शाहदरा निवासी सचिन कुमार तोमर ने साइबर सेल में 8 लाख 15 हजार रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत की थी.