चीन से क्यों छिपाए जाते हैं दलाई लामा, किस बात का होता है डर
1950 के दशक के आखिर से चीन और दलाई लामा के बीच शुरू हुआ विवाद अभी तक खत्म नहीं हुआ है.
चीन कहता है कि दलाई लामा अलगाववादी हैं और उनको अपनी संप्रभुता के लिए खतरा मानता है.
यही वजह है कि जब दलाई लामा कभी भी कोई विदेश मंत्री से मिलते हैं, या फिर वे किसी दूसरे देश की यात्रा पर जाते हैं, तो चीन आधिकारिक बयान दर्ज करके आपत्ति जताता है.
चीन का कहना है कि पुराने समय से ही दलाई लामा को चुने जाने का अधिकार उसके नेताओं के पास है.
इसी परंपरा के जरिए सोने के कलश में से संभावित नामों को निकाला जाता है.
कई तिब्बती इस बात पर संदेह जताते हैं कि उत्तराधिकारी के चयन के नाम पर समुदाय पर अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए यह चीन की चाल है.
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