रवि रायकवार, दतिया। यूं तो आपने कई बार सुना या देखा होगा कि कच्ची सड़क की वजह से एंबुलेंस किसी गांव नहीं पहुंच पाता है तो मरीजों को खाट पर लादकर पक्की सड़क तक लाना पड़ता है। लेकिन मध्य प्रदेश में प्रशासन ने खेत में ही अस्पताल बनाकर रख दिया। जिसकी वजह से ग्रामीणों को तकलीफों का सामना करते हुए यहां पहुंचना पड़ता है।

अस्पताल पहुंचने से पहले कीचड़ से होता है सामना
दरअसल, दतिया के ग्रामीण अंचल के कुम्हर्रा गांव में एक अस्पताल है जिसे आयुष्मान आरोग्य मंदिर कहते हैं। ग्रामीण अंचल में जगह-जगह ऐसे अस्पताल बनाए गए हैं। जहां ग्रामीणों को इलाज की बेहतरीन सुविधा मिले। लेकिन इनमें सिर्फ नाम की सुविधाएं हैं।

साथ ही यहां तक पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं है। आलम यह है कि अगर कोई मरीज बीमार हो जाए तो यहां तक पहुंचते-पहुंचते और ज्यादा बीमार हो जाए। क्योंकि बरसात के दिनों में इस खेत में काफी कीचड़ और पानी भर जाता है। जिसकी वजह से कई मरीज तो गिर जाने की वजह से चोटिल हो जाते हैं।
3 महीने में ही जर्जर हुई बिल्डिंग
आयुष्मान आरोग्य मंदिर अस्पताल बीते तीन महीने से संचालित हो रहा है। लेकिन अभी से इसकी बिल्डिंग जर्जर हो गई है। भवन में जहरीके कीड़े आने की भी शिकायत है। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में अस्पताल तक आना मुश्किल होता है। कीचड़ से निकलकर मजबूरी में अस्पताल तक पहुंचते हैं। लेकिन जिला प्रशासन ने अब तक कोई रास्ता नहीं बनाया है। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन इन मरीजों की कोई सुध लेगा या फिर कोई बड़ी दुर्घटना का इंतजार ही करते रहेगा।
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